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चार दिवसीय खैरागढ़ महोत्सव का आज से होगा आगाज

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राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित उच्च शिक्षा मंत्री होंगे शामिल
कविता कृष्णमूर्ति व डॉ.सुब्रमण्यम सजायेंगे संगीत की महफिल
विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा भरतनाट्यम नृत्य की भी होगी प्रस्तुति
हर्षवर्धन रामटेके

खैरागढ़. कोरोना की चौथी लहर की आहट के बीच बुधवार 27 अप्रैल से इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में चार दिवसीय खैरागढ़ महोत्सव का आगाज होगा. महोत्सव का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश की महामहिम राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति सुश्री अनुसुईया उईके करेंगी, महोत्सव की अध्यक्षता छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश के उच् च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल व खैरागढ़ की नवनिर्वाचित विधायक यशोदा निलाम्बर वर्मा उपस्थित होंगी.

शाम 7 बजे खैरागढ़ महोत्सव का विश्वविद्यालय के कैम्पस-1 में विधिवत शुभारंभ जहां विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री ममता चंद्राकर स्वागत उद्बोधन देंगी. कोरोना काल में तीन साल बाद हो रहे खैरागढ़ महोत्सव के आयोजन को लेकर संगीत प्रेमियों में उत्सुकता बनी हुई है और ऐसा माना जा रहा है कि पहले दिन से ही महोत्सव में हजारों की संख्या में भीड़ जुटेगी. ऐसे में कोरोना की चौथी आहट व प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थानों में मास्क की अनिवार्यता को महोत्सव परिसर में लागू करना भी एक चुनौती होगी.

कविता सजायेंगी गीतों की महफिल, वायलीन पर साथ देंगे पति डॉ.सुब्रमण्यम

खैरागढ़ महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर सुप्रसिद्ध पाश्र्व गायिका पद्मश्री  कविता कृष्णमूर्ति अपनी मखमली आवाज का जादू बिखेरेंगी, उनके साथ विश्व के सुप्रसिद्ध वायलीन वादक व उनके पति डॉ.एल सुब्रमण्यम भी साथ होंगे. ज्ञात हो कि अपने उत्कृष्ट और मधुर आवाज के साथ ही गायन के क्षेत्र में विस्तृत श्रृंखला व विभिन्न शैलियों तथा प्रकारों में गीत गायन के लिये कविता कृष्णमूर्ति विश्व विख्यात है वहीं उनकी बहुमुखी प्रतिभा के कारण उन्हें पाश्र्व गायन के क्षेत्र में फिल्म फेयर अवार्ड, बेस्ट सिंगर ऑफर द मिलेनियम अवार्ड व मेलोडी क्विन की भी उपाधि मिल चुकी है.

दूसरी ओर डॉ.एल सुब्रमण्यम वैश्विक स्तर पर संगीत जगत में वायलीन वादक के रूप में एक ख्यातिलब्ध नाम है. इन्होंने संगीत के क्षेत्र में देशी एवं पाश्चात्य संगीत का संविलियन कर ग्लोबल फ्यूजन कान्सेप्ट की शुरूआत की तथा कई फिल्मों एवं संगीत समारोह में संगीत संयोजन किया है. इन्हें संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिये कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त है. आपने एवं कविता जी ने अपने पिता की स्मृति में लक्ष्मीनारायण ग्लोबल म्यूजिक फेस्टिवल की शुरूआत की तथा संगीत के क्षेत्र में नवोदित कलाकारों के उन्नत प्रशिक्षण के लिये सुब्रमण्यम एकेडमी ऑफ पर्फार्मिंग आटर््स की स्थापना भी की है.

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