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पंचायती राज व्यवस्था में बहनों की भागीदारी को और बढ़ाने पर भी हमारी सरकार का बहुत जोर है। भारत की बहन बेटियां क्या कर सकती हैं, ये कोरोना काल में दुनिया को भारत के अनुभव ने बहुत कुछ सिखाया है।
पंचायतों को ज्यादा अधिकार देने का लक्ष्य, पंचायतों को सही मायने में सशक्तिकरण का केंद्र बनाने का है। पंचायतों की बढ़ती हुई शक्ति, पंचायतों को मिलने वाली राशि, गांवों के विकास को नई ऊर्जा दे। इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
सरकार की कोशिश यही है कि गांव के विकास से जुड़े हर प्रोजेक्ट को प्लान करने और उसके अमल मे पंचायत की भूमिका ज्यादा हो। इससे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में पंचायत अहम कड़ी बनकर उभरेगी।
जैसे हमारे डोगरों के बारे में लोक संगीत में कहते हैं- ‘मिठ्ठी ए डोगरे दी बोली, ते खंड मिठ्ठे लोग डोगरे’। ऐसी ही मिठास, ऐसी ही संवेदनशील सोच, देश के लिए एकता की ताकत बनता है और दूसरी भी कम होती हैं।
मैं जम्मू कश्मीर के नौजवानों से कहना चाहता हूं कि आपके माता-पिता, दादा-दादी और नाना-नानी को जिन मुसीबतों के साथ जिंदगी जीनी पड़ी। आपको कभी भी ऐसी जिंदगी जीनी नहीं पड़ेगी, ये मैं आपको करके दिखाऊंगा।
जब मैं एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात करता हूं, तब हमारा फोकस कनेक्टिविटी पर होता है, दूरियां मिटाने पर भी होता है। दूरियां चाहे दिलों की हो, भाषा-व्यवहार की हो या फिर संसाधनों की, इनको दूर करना आज हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता है।
बात डेमोक्रेसी की हो या संकल्प डेवलपमेंट का, आज जम्मू कश्मीर नया उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। बीते 2-3 सालों में जम्मू कश्मीर में विकास के नए आयाम बने हैं।
दशकों-दशक से जो बेड़ियां वाल्मीकि समाज के पांव में डाल दी गई थीं, उनसे वो मुक्त हुआ है। आज हर समाज के बेटे-बेटियां अपने सपनों को पूरा कर पा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में बरसों तक जिन साथियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला, अब उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिल रहा है।
इस बार का पंचायती राज दिवस, जम्मू कश्मीर में मनाया जाना, एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। ये बहुत ही गर्व की बात है, कि जब लोकतंत्र जम्मू कश्मीर में ग्रास रूट तक पहुंचा है, तब यहां से मैं देशभर की पंचायतों से संवाद कर रहा हूं।
पल्ली पंचायत देश की पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनने की तरफ बढ़ रही है। आज मुझे पल्ली गांव में, देश के गांवों के जन प्रतिनिधियों के साथ जुड़ने का भी अवसर मिला है। इस बड़ी उपलब्धि और विकास के कामों के लिए जम्मू-कश्मीर को बहुत-बहुत बधाई।
आज अनेक परिवारों को गांवों में उनके घर के प्रॉपर्टी कार्ड भी मिले हैं। ये स्वामित्व कार्ड गांवों में नई संभावनाओं को प्रेरित करेंगे। 100 जनऔषधि केंद्र जम्मू कश्मीर के गरीब और मिडिल क्लास को सस्ती दवाएं, सस्ता सर्जिकल सामान देने का माध्यम बनेंगे।
यहां कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े 20 हज़ार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। जम्मू-कश्मीर के विकास को नई रफ्तार देने के लिए राज्य में तेजी से काम चल रहा है। इन प्रयासों से बहुत बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को रोज़गार मिलेगा।