कलकसा | डोंगरगढ़ | 06 अप्रैल| जनपद पंचायत डोंगरगढ़ के महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन में अहम् भूमिका निभाने वाले मनरेगा कर्मचारी व ग्राम रोजगार सहायकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने से जनपद पंचायत डोंगरगढ़ के 101 ग्राम पंचायत में कार्य करने वाले 73571 अकुशल श्रमिक बेरोजगार हो गये है.
ज्ञात हो की सिर्फ जिला राजनांदगांव में ही एक लाख से अधिक अकुशल श्रमिक कार्यरत रहते है किन्तु अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते आज जिले में कार्यरत श्रमिकों की संख्या शून्य है. अर्थ साफ है की इस हड़ताल से प्रतिदिन ग्रामीण अर्थवयवस्था को सिर्फ एक जिले से ही 2 करोड़ से अधिक राशि का नुकसान होगा.
आपको बता दें की पूर्व वर्षो में कोरोना काल के दौरान मनरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण अर्थवयवस्था को सहारा देकर मजदूरों को अपने ही गांव में रोजगार प्रदाय कर वित्तीय संकट से बचाने यही रोजगार गारंटी के अधिकारी कर्मचारी व ग्राम रोजगार साहयकों ने बेडा उठाया था.
लेकिन अफ़सोस की इन्ही कर्मचारियों के रोजगार की कोई गारंटी नहीं है जिसके कारण जन घोषणा पत्र में किया गया वादा को आत्मसात करने की मांग को लेकर हड़ताल करने हेतु सभी अधिकारी कर्मचारी लामबंद हुये है. निरंतर हड़ताल के होने से श्रमिकों को रोजगार ना मिलने के कारण इन श्रमिकों को होने वाला आर्थिक नुकसान भविष्य में पलायन की दिशा में भी अग्रसर हो सकता है। मनरेगा महासंघ के अनिश्चित कालीन हड़ताल में जाने से छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वकांक्षी योजना नरवा गरवा घुरवा बॉडी का क्रियान्वयन अवरुद्ध हो गया है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनो में पूरा काम विफल होते नजर आएगा।
महासंघ के ब्लॉक अध्यक्ष नरोत्तम कुंजाम ने बताया कि हम सभी कर्मचारी साशन के सभी काम लक्ष्य मनरेगा , NGGB गोधन न्याय योजना, कोविड 19, मेला डियूटी, धान खरीदी, निर्वाचन डियूटी जैसे महत्त्वपूर्ण काम को निर्वाहन करते आ रहे हैं। हड़ताल का दूसरा दिन नरोत्तम कुंजाम, विजय प्रताप सिंह, सीखा अग्रवाल, गुलशन यादव, दिनेश सिन्हा, राजेश भारती, चंद्रेश मेश्राम, देव लाल साहू, ईश्वरी वर्मा, भारत दास, प्रदीप खरे, अनिल सोनवानी,जमुना वर्मा, उषा मुगनकर, महेश्वरी, संतोषी,रंजना रामदास, खिलेश्वरी निर्मल, सविता सुनहरे, पिंकी, नेतराम राजू यादव आदि शामिल रहे।

