रायपुर वॉच

जेल में मनोविकारो का परिमार्जन होता है, यहां से आप नर से नारायण बनकर बाहर निकलेंगे – गिरीश पंकज

Share this

 

अंबिकापुर/ जेल एक प्राकृतिक चिकित्सालय है यहां आपके प्रकृति का परिमार्जन होगा मनोविकारो का परिमार्जन होगा आप यहां से नर से नारायण बन के बाहर निकलेंगे इसलिए आप यहां जब तक हैं जितने समय तक हैं अपने समय का रचनात्मक उपयोग करें।उक्त आशय के विचार केंद्रीय जेल अंबिकापुर के सभाकक्ष में बंदी सुधार एवं कल्याण विषय पर आयोजित प्रबोधन विचार एवं संगोष्ठी के अवसर पर वरिष्ठ संपादक व्यंग्य श्री एवं साहित्यकार गिरीश पंकज रायपुर ने व्यक्त किए।उन्होंने आगे कहा कि यह वो जगह है जहां बड़ी आत्म कथाएं एवं उपन्यासों का सृजन हुआ है उन्होंने महान क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल एवं पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी के आत्मकथा का उदाहरण प्रस्तुत किया उन्होंने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल जो बड़ा लेखक है वही लिख सकता है मैं यह कहना चाहता हूं कि यहां उपस्थित हर व्यक्ति के मन में एक लेखक है बस उसको एक कलम एवं कागज की जरूरत है उन्होंने जेल अधीक्षक राजेंद गायकवाड से सभी बंधु एवं कैदियों को कागज एवं कलम उपलब्ध कराने की बात कही इस पर  गायकवाड ने बताया कि उन्होंने उपलब्ध कराया है और बंदी लिख भी रहे हैं कई बंदी भजन आदि भी लिख रहे हैं यहां तक कि उसका धुन भी कंपोज करते रहते हैं श्री पंकज ने अपने अमूल्य उद्बोधन में आगे कहा कि श्री गायकवाड ने जेल को ऐसा ढांचा दिया है मैं कई वर्षों से इनके संपर्क में हूं जगदलपुर में भी इनके कार्यकाल में गौ सेवा होती थी यहां भी रचनात्मक कार्य हो रहे हैं जो प्रशंसनीय है उन्होंने आगे कहा कि जेल पहले की तरह जेल नहीं है जैसे शोले फिल्म में धर्मेंद्र ने कहा था कि चक्की पीसिंग पीसिंग एंड पीसिंग इस पर श्री गायकवाड ने तुरंत जवाब दिया यहां तो सीखिंग सिखिंग एंड सीखिंग। इस पर जेल का सभक्षक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

पंकज ने आगे कहा कि गायकवाड जैसे महान व्यक्तित्व के द्वारा आपके पुनर्वास के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं अतः इनके निर्देशन में अपना जीवन सफल बनाएं आप सभी रचनात्मकता से जुड़े ।पेंटिंग गायन,, कारखानों से संबंधित कार्यों का संचालन कर रहे हैं यहां तरह-तरह के ज्ञानवर्धक नारे लिखे हैं आप सभी उन्हें आत्मसात कर ले तो मुझे यह लगता है कि आप सब का भविष्य सुनहरा हो जाएगा जेलों में काफी सुधार हुआ है और इस सुधार गृह में आप अपने समय का समुचित उपयोग रचनात्मकता एवं सृजनात्मकता में करें और बाहर निकल कर समाज में एक नया अलख जगाएं।

गौरतलब है कि गिरीश पंकज रायपुर से संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य दीक्षांत वक्ता के तौर पर अंबिकापुर प्रवास पर रहे इसी समय केंद्रीय जेल अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड के आग्रह पर जेल में विचाराधीन बंदी एवम कैदियों को उचित मार्गदर्शन एवं मानसिक प्रोत्साहन हेतु प्रबोधन देने पहुंचे ।विदित हो कि श्री गायकवाड जेल अधीक्षक के कुशल दायित्व का निर्वहन करते हुए समाज एवं साहित्य सेवा भी प्रमुखता से करते रहते हैं यही कारण है कि उन्होंने जहां भी अपनी सेवाएं दी हैं लोगों के बीच खासे लोकप्रिय रहे हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय जेल अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड ने सभी मंचीय अतिथियों का परिचय कराया तत्पश्चात विचार संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें श्री गायकवाड़ ने स्वागत उद्बोधन दिया और जेल में बंदियों के रचनात्मकता पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा महामाया की नगरी ने उन्हें भरपूर प्रेम दिया है और मां की कृपा से सभी बंधुओं का मानसिक परिवर्तन होगा और वे सृजनात्मकता के साथ मनुष्यता का दामन थामेंगे। उद्बोधन पश्चात काव्य पाठ का दौर चला जिसमें डॉक्टर पॉल ने बंदियों को आगे बढ़ने को प्रेरित करते हुए सीख कविता का पाठ किया तत्पश्चात सम्यक क्रांति के प्रबंध निदेशक एवं साहित्यकार एस. के. रूप ने काव्य पाठ किया साथ ही प्रेरक संगीत गुनगुनाए जिससे पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा प्रसिद्ध साहित्यकार एवं गजलकार विकास यादव ने अपनी ग़ज़ल से समा बांध दिया मनेंद्रगढ़ से साहित्यकार एवं शिक्षक पर्यावरणविद सतीश उपाध्याय ने अपने विचारों से सभी बंधुओं का दिल जीत लिया इसके साथ ही उन्होंने काव्य पाठ भी किया मनेंद्रगढ़ के साहित्यकार संतोष कुमार जैन ने अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त करते हुए काव्य पाठ किया इसी क्रम में श्री गिरीश पंकज ने आ जाओ कन्हैया का सुमधुर काव्य पाठ किया जिससे समूचे सभा कक्ष में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय जेल अधीक्षक एवं साहित्यकार राजेंद्र गायकवाड ने भी काव्य पाठ किया वहीं कार्यक्रम में जेल के कुछ प्रतिभाशाली बंदी रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में  गायकवाड़ ने उपस्थित सभी मंचीय अतिथियों का शाल एवं श्रीफल भेंट करते हुए सम्मान किया, अंत में आभार प्रदर्शन के द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *