अफताब आलम/ बलरामपुर/ बलरामपुर जिले के शासकीय महाविद्यालय में परीक्षा अध्ययन के दीवानों के निर्देश एवं डॉ यूके पांडे विभागाध्यक्ष हिंदी के संयोजन में आइ क्यू ए सी एवं हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वधन में आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन किया गया |
व्याख्यान की मुख्य वक्ता रेनू सिंह अध्यक्ष हिंदी विभाग इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश की रही, व्याख्यान का विषय हिंदी आत्मकथा में अभिव्यक्त साहित्यिक, सांस्कृतिक विमर्श पर वक्तव्य में उन्होंने छात्र छत्राओं को बताया कि विमर्श को पारंपरिक सांचे में न ढालकर विमर्श में अपने दृष्टिकोण को व्यापक व बृहद रखना चाहिए |
वाद आधारित लेखन से साहित्य को बहुत नुकसान हुआ है आत्मकथाएं साहित्य का गंभीर पक्ष है, आत्म कथाओं के माध्यम से आत्मकथा कार समाज को बहुत कुछ देना चाहता है, उन्होंने हिंदी के आत्मकथा कारों हरिवंश राय बच्चन, महादेवी वर्मा, प्रभा खेतान, मैत्रेई पुष्पा, रामशरण जोशी, मन्नू भंडारी एवं रानेंद्र की कृतियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए अपने स्व लिखित स्वलिखित कविताओं के माध्यम से विचार अभिव्यक्त किया, उन्होंने स्त्री आत्कथा ओं के मनोविज्ञान और निहितार्थ पर विस्तार से प्रकाश डाला और स्त्री को पूंजीवाद के चक्रों से सचेत रहने का आह्वान किया,उन्होंने इसी क्रम में आगे कहा कि औरतों को अंधा अनुकरण ना करते हुए अपनी जरूरत और परिस्थिति के अनुसार निर्णय लेना चाहिए, इस कार्यक्रम को डॉ ज्योति सिन्हा प्रचार शासकीय राज मोहनी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर डॉक्टर कुसुम लता विश्वकर्मा प्रचार शासकीय विज्ञान महाविद्यालय अंबिकापुर ने भी संबोधित किया कार्यक्रम का संचालन डॉ यूके पांडे एवं आभार प्रदर्शन लक्ष्मी दास मानिकपुरी के द्वारा किया गया |
शासकीय महाविद्यालय बलरामपुर में रेनू सिंह का व्याख्यान संपन्न
