नवागढ़ बेमेतरा संजय महीलांग
कांकेर जिले के वन क्षेत्रों में खास एवं आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती,बीज उत्पादन एवं प्रसंस्करण विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम कांकेर उपवन मंडल द्वारा वन धन विकास केंद्र कोरर वन परिक्षेत्र के प्रशिक्षण भवन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में युवा प्रगतिशील किसान किशोर कुमार राजपूत ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि किसानों को औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती एवं प्रसंस्करण में प्रशिक्षित करना है। जिससे किसान इस खेती को अपना कर उचित लाभ कमा सकता है। सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में कई औषधीय गुणों से युक्त सुगंधित फसलों के क्लस्टर विकसित किए हैं जिसमें काफी किसान जुड़कर लाभ कमा रहे हैं।इसी तरह कांकेर और आस पास के क्षेत्रों में औषधीय एवं सुगंधित पौधों के क्लस्टर विकसित किया जाएगा। जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि ए के जोशी ने भी किसानों से आवाहन किया कि जो भी किसान भाई इस खेती को अपना रहे हैं वह प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने- अपने क्षेत्रों में जाकर दूसरे किसानों को भी प्रशिक्षित करें।जिससे बड़े पैमाने पर जैविक पद्धति से वन क्षेत्रों में अश्वगंधा और दूसरे सुगंधित पौधों के खेती को बढ़ाया जा सकता है।इसके साथ-साथ उनके द्वारा किसानों के लिए औषधीय खेती पर किए जा रहे नवीन विधियों पर भी चर्चा की।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि किशोर राजपूत ने पुनः किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में किसान औषधीय एवं सगंध पौधों के खेती को अपनाकर अपनी खेती में नए-नए परिवर्तन कर लाभ कमा रहे है तथा साथ ही साथ इनके द्वारा इन पौधों से प्राप्त उत्पाद को देश के बाजार में निर्यात भी कर रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के मैदानी इलाकों के किसान तथा जंगली वातावरण में निवास रत आसपास के किसान भी हमसे प्रशिक्षित,प्रेरित होकर औषधि और सुगंध पौधों की खेती कर लाभ कमा सकते हैं । देवी वर्मा ने किसानों को ग्रामीण विकास के क्षेत्र में किए गए प्रयासों से अवगत कराया तथा किसानों को बताया कि कौन-कौन सी प्रौद्योगिकी अभी वैज्ञानिकों ने किसानों के खेतों तक पहुंचाई है। जिसका सीधा लाभ किसान इस प्रशिक्षण के बाद भी सीमा से जुड़े तथा औषधीय सगंध पौधों की खेती को आगे भविष्य में भी बढ़ाने के लिए योगदान दें।
इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवा किसान किशोर राजपूत ने वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न फसलों जैसे सर्पगंधा, तुलसी,कालमेघ,ब्राम्ही, मंडूक पणीय,बच,बायविडंग,सतावर , लेमन ग्रास,खस,इत्यादि फसलों पर किसानों को प्रशिक्षित किया कौन से महीने में क्या क्या फसल लगाना है, मिट्टी के प्रकार, बीज उपचार, फसल की देखभाल, रोगों की पहचान और उपचार, कटिंग, ग्रैडिंग, सुखाना, पैकेजिंक,भंडारण तथा साथ-साथ तेलों के आसवन संशोधन का प्रदर्शन एवं तकनीकी भी किसानों से साझा किया।
बीज संग्रहण एवं फलोतपादन सहकारी समिति कांकेर के अध्यक्ष शिव श्रीवास्तव और सचिव उमेश शर्मा जी ने औषधीय पौधों की खेती की कार्यशाला आयोजित करने उप वन मंडलाधिकारी राम सिंह मंडावी जी को प्रेरित किया। इसलिए यह एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन राम सिंह मांडवी उप वन मंडलाधिकारी कांकेर ने किया। मंडावी सर का सकारात्मक सहयोग का प्रतिफल ही है जो दूर दूर के गावों से किसान प्रशिक्षण प्राप्त करने आए ।
कार्यक्रम में यशोवती कोर्राम डिप्टी रेंजर,अंजोर सिंह यादव वन पाल,मुकेश कुमार सलाम, जय लाल वटटी,मेहक राम तेता, रजऊ राम नरेटी,धनी राम दुग्गा, राहुल तेता, अर्जुन उइके, शंकर लाल गुरेठी, फगनू राम गुरेठी, सहित अनेक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया।