कमलेश लहोतरे/ बिलासपुर। पी.आई. यू. ट्रस्ट द्वारा, भारतोदय लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में विश्व महिला दिवस विशेष पर आभासी पटल के माध्यम से साहित्यिक कार्यक्रम “महिला” विषय पर काव्य गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि परम के रूप में आदरणीय आचार्य ए०डी०एन० बाजपेई जी (अटल बिहारी बाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति, केन्द्रीय सरकार द्वारा गठित आजादी के अमृत महोत्सव के सदस्य, इंडियन इकोनोमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष) रहे। विशिष्ट अतिथि के रुप में राघवेन्द्र कुमार दुबे, परंपरा कला बिरादरी (छ०ग०, संयोजक –डी एल एस महाविद्यालय बिलासपुर छ०ग०) रहे। इस मंच के समन्वयक एवं कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष राम रतन श्रीवास “राधे राधे” (बिलासपुर छत्तीसगढ़) की मंच पर गरिमामय उपस्थिति रही। गूगल मीट पर स्तुति सिंह व कार्यक्रम संयोजन में नीतू सिंह का सहयोग रहा। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. सुरेश सिंह शौर्य “प्रियदर्शी” थे। कार्यक्रम का संचालन मुख्य रूप से ममता मनीष सिन्हा ,अंकिता द्विवेदी एवं मंजुषा राधे ने अपने अपने बेहतरीन अंदाज में किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मांँ सरस्वती वंदना रजनीश एवं परिणिता सिन्हा से प्रारंभ हुआ। स्वागत गीत विभा जैन (इंदौर) के द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि ने उद्बोधन में कहा कि पुरुष योगदान देता है पर सृजन के उपरांत संपूर्ण कार्य स्त्री ही करती हैं इसलिए नारियों का नाम पुरुष से पहले होता है। ब्रह्म ने सृष्टि निर्माण में ज्ञान विधा-सरस्वती , धन- लक्ष्मी, संहार- दुर्गा शक्ति कई रूपों की पूजा की जाती है ।वैदिक परंपरा में भी नारियों का अहम योगदान रहा है। भारतीय संस्कृति के इतिहास में रानी लक्ष्मीबाई , पद्मावती, दुर्गावती पर मार्मिक प्रकाश डालते हुए समझाया। अन्य स्लामिक देशों में महिलाओं की दयनीय स्थिति है। भारत में महिलाएं सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है। हमें नारी शक्ति के विकास में सहयोग प्रदान करना चाहिए। हमारा उद्देश्य अच्छा, सुंदर, स्वस्थ समाज की रचना करना है।विशिष्ट अतिथि दुबे जी ने उद्बोधन में कहा कि अधिकार और कर्तव्य की लड़ाई लोक संस्कृति में कहीं भी उचित नहीं है। उन्होंने अपने काव्यांजलि में कहा कि वो अपने नेह की मिट्टी गारे से नीड़ बनाती है ओ सबला है सभी जिम्मेदारी निभा लेती हैं। विशिष्ट अतिथि उषा श्रीवास (, एम०ए० (गोल्ड मेडलिस्ट), हॉकी नेशनल चैम्पियन, कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्य मंच छत्तीसगढ़ की उपाध्यक्ष महिला एवं बाल विकास अधिकारी, मस्तुरी ने सभी साहित्यकारों को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित किया। उनके द्वारा काव्य पाठ में “समर्थ सबला सक्षम आज की नारी है” की प्रस्तुति दी।विशिष्ट अतिथि के रुप में ममता मनीष सिंहा ने स्त्रियों पर सारगर्भित विषय को मंच में रखी। उन्होने कहा कि नारी पर लिखा जाए तो लिखनी और सियाही भी कम पड़ जाएगी। ‘हम स्त्रियां सदा मजबूत होती है’ काव्यांजलि भी प्रस्तुत किया उन्होने। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. सुरेश सिंह शौर्य ‘प्रियदर्शी’ ने अतिथियों का विशेष आभार प्रकट किया
भारतीय महिला संसद सम्मेलन का भव्य आयोजन संपन्न
