कमलेश लहोतरे/ बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी की बिलासपुर जिला इकाई ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार का चौथा बज़ट लोक-लुभावन घोषणाओं का पुलिंदा है जिसमें प्रदेश की जनता को राहत देकर विकास की ठोस पहल की इच्छाशक्ति का नितांत अभाव है। भाजपा ने कहा कि पुरानी और विफल हो चलीं योजनाओं में मामूली हेरफेर करके प्रदेश को चकमा देने की कोशिश को पुरानी बोतल पर नया लेबल लगाकर खपाने की प्रदेश सरकार बाजीगरी दिखा रही है लेकिन प्रदेश की जनता इस राजनीतिक पाखंड को भलीभाँति समझ रही है। यह ‘लोक-बज़ट’ कम, ‘फेक-बज़ट’ ज़्यादा है।
*नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक* ने कहा कि प्रदेश का यह बजट पिछले तीन बजटों की तरह प्रदेश को रिवर्स गियर में ले जाने वाला है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब तक 51 हजार करोड़ रुपए की कर्ज ले चुकी है। जिसके लिए प्रतिमाह 600 करोड़ रुपए व साल में 7200 करोड़ ब्याज की राशि पटानी होगी। वहीं केन्द्र सरकार से 44575 करोड़ रुपए राजस्व प्रदेश को प्राप्त होना है। इस तरह से पूरे बजट में ऐसे कुछ भी प्रावधान नहीं रखें गए है जिससे यह स्पष्ट हो कि सरकार की मंशा क्या है? 14600 करोड़ रुपए का बजट घाटा अनुमानित है जो 3.3 प्रतिशत है। मगर इससे ऋण जमा करने के लिए अधिक प्रावधान रखा गया है। परिसंपत्ति के निर्माण के लिए खर्च नहीं होगा और प्रदेश का विकास इससे थम जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के बेरोजगारी भत्ता की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रदेश के 10 लाख युवाओं को 9000 करोड़ रुपए का भत्ता देना है जिसे प्रदेश सरकार ने अब तक शामिल नहीं किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की कहीं भी चिंता नहीं है। अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सरकार ने बजट में कोई प्रावधान नहीं रखा है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों के 14 प्रतिशत डीए व चार स्तरीय वेतनमान सहित बढ़ा हुआ गृह भाड़ा की भी व्यवस्था नहीं है।
छत्तीसगढ़ सरकार का यह बजट आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर अपने चुनाव की चिंता करते हुए यह बजट पेश किया गया, उक्त बाते *पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल* ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। श्री अग्रवाल ने कहा कि यह बजट पूर्ण रूप से ढोंगी सरकार का ढोंग वाला बजट है इससे प्रदेश की जनता को कोई लाभ नही मिलने वाला। अपनी नाकामी को छुपाने लोक लुभावन बजट पेश किया है। प्रदेश की भूपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वृद्धजनों के लिए भाजपा सरकार ने तीर्थ यात्रा योजना लागू की थी उसे क्यों बंद कर दिया गया, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का जो वायदा किया गया था उसका क्या हुआ, इसके पूर्व सरकार द्वारा जो बजट पेश किए गए थे उसका क्या हुआ उस बजट में जो सब्ज बाग दिखाए गए थे वही हाल इस वर्ष के बजट में दिख रहा है। सरकार सिर्फ कर्जा ले लेकर सरकार चला रही है प्रदेश की जनता को कर्ज के बोझ तले लाद दिया है। बजट में निराशा और छलावे के सिवा कुछ नही है। यह बजट दिशाहीन है। बजट में प्रदेश की महिलाओं, बेरोजगार युवाओं, किसानों, मजदूरों, बुजुर्गो एवं बेटियों के लिए निराशा के सिवाय कुछ भी नही है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने वाले सपना बेचकर केवल वाहवाही लूटने वाला बजट पेश किया है।
*सांसद अरूण साव* ने कहा कि किसानों के नाम पर घड़ियाली आँसू बहाकर सस्ती राजनीति करने वाली प्रदेश सरकार ने किसानों के जीवन-स्तर के उठाने और खेती-किसानी के काम को सुगम और लाभपरक बनाने का कोई संकल्प इस बज़ट में व्यक्त नहीं किया है। उत्तरप्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट के नाम पर बगलें बजाती प्रदेश सरकार अपने चौथे बज़ट में भी अपने इस वादे पर ख़ामोश है और किसानों के साथ छलावा करने के अलावा और कुछ नहीं कर रही है। सिँचाई योजनाओं के लिए भी किया गया अत्यल्प बज़ट प्रावधान सरकार के किसान विरोधी चरित्र का परिचायक है। किसानों के साथ क़दम-क़दम पर दग़ाबाज़ी करने वाली सरकार ने किसानों को केवल त्रस्त और आत्महत्या के लिए मज़बूर ही किया है।
भाजपा के *प्रदेश महामंत्री भूपेन्द्र सवन्नी* ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस बज़ट में कुछ भी नया नहीं है और हर मोर्चे पर विफलताओं का बोझ ढोती प्रदेश सरकार ने आधे-अधूरे मन से जिन कामों को करने की बात कही है, उसमें उसके विज़न का सर्वथा अभाव नज़र आ रहा है। भाजपा प्रदेश महामंत्री ने कहा कि अपने महज़ तीन साल के कार्यकाल में ही लगभग 51 हज़ार करोड़ रुपए के कर्ज़ के दलदल में छत्तीसगढ़ को धँसा चुकी प्रदेश सरकार का यह बज़ट प्रदेश में आय के नए स्रोत तलाशने के बजाय एक बार फिर उधार के अर्थतंत्र की दिशा में प्रदेश को धकेलने वाला साबित होगा।
*मस्तूरी विधायक *डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी* ने प्रदेश सरकार के बज़ट को निराश करने वाला बताया। डॉ.बांधी ने कहा कि अजा-अजजा वर्ग के उत्थान की कोई ठोस परिकल्पना यह बज़ट नहीं दे रहा है। प्रदेश सरकार की बज़ट घोषणाएँ तो अधिकांशतः केंद्र सरकार के अनुदान पर निर्भर हैं और प्रदेश सरकार इन घोषणाओं पर अमल करने की अपनी ज़वाबदेही से मुँह चुराने और केंद्र सरकार के खि़लाफ़ मिथ्या प्रलाप करने में वक़्त जाया करेगी। अजा-अजजा क्षेत्रों में बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए भी ठोस प्रयासों का इरादा प्रदेश सरकार के बज़ट में कहीं नज़र नहीं आ रहा है।
बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि युवाओं, महिलाओं, गरीबों, किसानों के साथ छल किये जाने वाले हताशा पूर्ण विकास विरोधी बजट है। सरकार ने हर वर्ग को निराश किया है, राज्य के विकास के लिए किसी भी प्रकार का कोई दृष्टि नही है। शराब बंद करने, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने। आदिवासी क्षेत्रों में पुजारियों, बैगा-गुनिया और माँझी के लिए बेहद कम राशि की घोषणा करके आदिवासी क्षेत्रों में चल रहे धर्मांतरण के कुचक्र और आदिवासियों के धर्मस्थलों व मूर्तियों के लगातार हुए और हो रहे विध्वंस से प्रदेश का ध्यान भटकाने की कोशिश की है। सिंह ने कहा कि आदिवासियों के सर्वांगीण विकास, सम्मानजनक जीवन-स्तर और उनकी पूरी सुरक्षा को लेकर यह बज़ट मौन है।
भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने बज़ट भाषण में रोज़गार के नाम पर प्रदेश को एक बार फिर ग़ुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बज़ट में बेरोज़गारी भत्ते के लिए कोई प्रावधान इस वर्ष भी नहीं करने वाली और तीन साल में 5 लाख नौकरियाँ देने कर झूठी वाहवाही बटोरने का शर्मनाक उपक्रम कर रही प्रदेश सरकार बताए कि अपने पूरे कार्यकाल में 15 लाख रोज़गार मुहैया कराने का दावा वह किस आधार पर कर रही है? श्री कुमावत ने कहा कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल और लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में छात्रों को परीक्षा शुल्क में छूट देने की घोषणा करके प्रदेश की युवा प्रतिभाओं को झुनझुना थमाने का काम भूपेश सरकार ने किया है।
राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के बजट को दिशाहीन बताया है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बजट में ना दूरदर्शिता है और ना वर्तमान की प्लानिंग। विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। टेंडर 50 से 100 प्रतिशत तक कि ज्यादा लागत पर निकाले जा रहे हैं। ऐसे में विधायक निधि बढाने का उद्देश्य केवल कमीशन को बढ़ाना मात्र प्रतीत होता है। शहरों के लिए किसी प्रकार की कोई विकास की कार्य योजना नही है। कर्ज़ ले ले कर सरकार चलाई जा रही है, जिससे प्रदेश का भविष्य आर्थिक रूप से अंधकार मय हो गया है।