प्रांतीय वॉच

एनएसयूआई ने महाविद्यालय नवागढ़ में लगाया सुचना का अधिकार मांगे निम्न बिंदुओं पर जवाब

Share this

संजय महिलांग/ बेमेतरा।  जिले के नवागढ़ विधानसभा का एकमात्र महाविद्यालय शासकीय कोदूराम दलित महाविद्यालय नवागढ़ में बीते पूर्व कुछ दिनों से भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई के छात्रों के द्वारा लगातार जनभागीदारी समिति के नाम पर मनमानी और अवैध वसूली का विरोध कर रही थी जो थमने का नाम नहीं ले रही जिसके कारण छात्र छात्राओं को अपने प्रश्नों का उचित समाधान के लिए आज भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई नवागढ़ के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने एक साथ महाविद्यालय नवागढ़ पहुंच कर जनभागीदारी समिति पर सुचना का अधिकार लगाते हुए निम्न प्रश्नों पर जवाब मांगते हुए कहा की सभी प्रश्नों के उत्तर सन्तोष प्रद हो ताकि महाविद्यालय में पढ़ने वाले हजारों छात्रों के सवालों का जवाब मिल सके की जनभागीदारी समिति का सारा पैसा कहां जाता है भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई के पूर्व शहर अध्यक्ष व मीडिया प्रभारी परमेश्वर पात्रे ने व अन्य छात्रों के द्वारा किये गये प्रश्नों में मुख्य रूप से इस प्रकार रहे
(1 )जनभागीदारी शुल्क पिछले साल नहीं लिया गया था इस वर्ष क्यों लिया जा रहा है कारण बताइए।
(2 )नियमित विद्यार्थी से जनभागीदारी शुल्क लेते हैं प्रतिवर्ष 1300 सौ विद्यार्थी हैं लगभग तो पैसा कितना हुआ और कहां खर्च किया बताइए।
(3) चार-पांच वर्ष से जनभागीदारी समिति भांग है तो शुल्क क्यों लिया जाता है बताइए।
(4 )नियमित व प्राइवेट विद्यार्थियों को मिलाकर इस वर्ष प्राइवेट के कितने विद्यार्थी प्रवेश लिए है कुल संख्या बताइए।
(5) नियमित व प्राइवेट विद्यार्थियों को मिलाकर जनभागीदारी में कुल कितना राशि जमा हुआ बताइए।
(6) जनभागीदारी से कितने कर्मचारी रखे हैं और कितने रुपए प्रतिमाह दिया जाता है कितने माह के लिए रखे हो बताइए।
(7) जनभागीदारी शुल्क ₹400 लिया जाता है महाविद्यालय नवागढ़ में ₹30 अग्रेषण शुल्क लिया जाता है मगर जो बच्चे पर्यावरण की परीक्षा में शामिल होकर पास कर लिए हैं उनसे दोबारा पर्यावरण का शुल्क क्यों लिया जाता है बताइए।

इन महत्वपूर्ण प्रश्नों के साथ भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के छात्रों ने मिलकर महाविद्यालय नवागढ़ में पहुंचकर सूचना का अधिकार आरटीआई लगाते हुए 30 दिन के भीतर जवाब मांगे हैं
परमेश्वर पात्रे ने बताया की महाविद्यालय नवागढ़ में लगातार मनमानी पर अवैध वसूली हो रही थी जिसके लिए सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी गई है इस अवसर पर अजीत चतुर्वेदी शिखा गेडाम श्वेता तिवारी सुशील भारती परागराज जांगड़े अनिल घृतलहरे खेमराज दिवाकर शशीन विजय चतुर्वेदी आदि लोग मौजूद रहे।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *