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नगर में नशे की अवैध दवाई का कारोबार खूब फल – फूल रहा है

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नवागढ़ बेमेतरा संजय माहिलांग

नगर पंचायत नवागढ़ में पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे कुछ मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाइयों की कारोबार जोरो पर है।

बाजार के कई जगहों पर लोगों को नशा करते देखा जा सकता है जिसमें युवा वर्ग के लोग ज्यादातर शामिल है जिनकी उम्र 16 से 18 वर्ष है। जो इन नशीली दवाइयों का नियमित सेवन करके काल के गाल में शमा रहे है। इस नशीली दवाई के सेवन से उनके लिवर, गुर्दा, दिमाग ख़राब होने की आशंका बनी रहती है लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि कुछ पैसों की लालच में आकर यह मेडिकल स्टोर मालिक लोगों की जीवन बचाने की दवाइयों के साथ साथ नशीली दवाइयों को मनमाने ढंग से बेच रहे है ।जबकि सरकार इन नशीली दवाइयों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है परंतु मेडिकल स्टोर संचलकों न तो नियम कानुन की चिन्ता है न विभाग का डर ।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अवैध तरीके से बेचीं जा रही इन दवाइयो पर रोक लगाने और दुकान संचालकों पर कार्रवाइ करने में नाकाम रहे है।जबकि फार्मेसी एक्ट 1945 के तहत दवाओं का भण्डारण विपणन करने के लिये प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी लाइसेंसधारी को ही ये सभी ( एलफाजुल्म, एपिजेड, एलप्रेक्स, कोरेक्स सिरप, एविल आदि) दवाएं बेचीं जा सकती है। आम उपभोक्ता को भी ये दवाए बिना पंजीकृत चिकित्सक की पर्चा के दवा नही बेचीं जा सकती है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनदेखी के चलते नवागढ़ क्षेत्र में नशीली दवाइयों का यह कार्य अधिकांश दवा स्टोर पर खुलेआम जारी है। इस पर लगाम लगा पाना शायद स्वास्थ्य विभाग के वश में नही है।

औषधि नियंत्रक अधिकारी के मुताबिक अगर कोई भी मेडिकल संचालक़ अवैध रूप से नशे में प्रयुक्त होने वाली दवाईया बिना चिकित्सक की पर्ची से बेचते पाये जाते है तो दुकान का लाइसेंस रद्द करने व् मेडिकल संचालक के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही और पकड़ कर कोर्ट में पेश करना है। इसके बाद सजा देना व जुर्माना करना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में होता है। एरिया ड्रग इंस्पेक्टर को विभाग की तरफ से जाँच के सम्बन्ध में टारगेट भी दिया जाता है लेकिन सम्बंधित अधिकारी इसी टारगेट को पूरा कर खानापूर्ति करने की जुगत में लगे रहते है।

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