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जिला जेल में निःशुल्क स्वास्थ्य एवं विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन बंदियों से उनके परेशानियों को सुनें और उन्हें बेहतर ढंग से इलाज उपलब्ध करायें : कुरैशी

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अफताब आलम  बलरामपुर /( दैनिक छत्तीसगढ़ वॉच) जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामानुजगंज के अध्यक्ष  सिराजुद्दीन कुरैशी के मार्गदर्शन में जेल में निरूद्ध बंदियों का मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के सुधार हेतु जिला जेल रामानुजगंज में निःशुल्क स्वास्थ्य एवं विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी ने जिला जेल में निरुद्ध बंदियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में विगत 2 वर्षों से कोरोना के संक्रमण के परिणाम स्वरूप प्रकरण के विचारण में विलंब हो रहा है, जिससे उन्हें जेल में मानसिक संताप से गुजरना पड़ रहा है, किंतु उन्हें इस समय का सदुपयोग करते हुए अपने नैतिक एवं बौद्धिक विचारों पर मनन करते हुए उसे सुधारना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समाज में नकारात्मकता इस कदर बढ़ गई है कि लोग छोटी-छोटी बातों के लिए अपराध कर बैठते हैं। अधिकतर अपराधी का बचपन नकारात्मकता एवं कुंठा में व्यतीत होता है, जिस कारण उनकी नैतिक एवं बौद्धिक क्षमता औरों की तुलना में कम होती है। इस कारण वे अपने साथ होने वाले छोटी-छोटी घटनाओं पर भी चिंता नहीं कर पाते और अपराध कर बैठते हैं।  कुरैशी ने निरंतर विचाराधीन बंदियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने हेतु उनके मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता में वृद्धि किए जाने हेतु साहित्य व धार्मिक ग्रंथों का पालन किए जाने हेतु प्रेरित किया तथा बंदियों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु खेल, व्यायाम, योग करने को कहा। इस दौरान उन्होंने बंदियों से उनके स्वास्थ्य व अन्य समस्याओं के बारे में सुना और संबंधित अधिकारियों को उसके निराकरण के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश  कुरैशी ने शिविर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि वे बंदियों से उनके परेशानियों को सुनें और उन्हें बेहतर ढंग से इलाज उपलब्ध करायें तथा उनकी उचित काउंसलिंग भी की जाए। शिविर में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर ने संबोधित करते हुए कहा कि जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन में शीघ्र ही जेल में निरुद्ध बंदियों का कौशल विकास हेतु उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने जेल में निरुद्ध रहने के दौरान अपने व्यक्तित्व को सुधार करें व अपने कृतियों का चिंतन करते हुए उसमें सुधार करते हुए समाज में नए जीवन आरंभ करने हेतु प्रेरित किया। विधिक जागरूकता शिविर को अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आर. के. पटेल, लोक अभियोजन विपिन सिंह तथा उप पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन प्रशांत कतलम ने भी संबोधित किया और बंदियों को जेल से रिहा होने के पश्चात नए जीवन की शुरुआत करने को कहा। शिविर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय कुमार खाखा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण  रेशमा बैरागी, अनुविभागीय अधिकारी रामानुजगंज गौतम सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह, जिला जेल अधीक्षक  जी.एस. मरकाम व अन्य अधिकारी-कर्मचारी सहित जिला जेल में रहने वाले बंदी उपस्थित थे।

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