तापस सन्याल भिलाई। जिला प्रशासन या निगम प्रशासन फिर जाग उठा प्रत्येक वर्ष की तरह कई वर्षों से यह देखा जा रहा है कि प्लास्टिक या पॉलिथीन बैग ओ पर प्रतिबंध लगाया जाता है निगम द्वारा और ना मानने पर चालान काटा जाता है वह चालान ₹100 से लेकर ₹10000 तक के भी होते हैं चालान के पैसे वसूली की ही किए जाते हैं ठेले वाले पान ठेले वाले दुकानदारों से या और कोई व्यापारी से मगर आज तक शासन प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा कागज का टोंगा या कपड़े का कैरी बैग ज्यादा से ज्यादा निर्माण पर किसी तरह का कोई योजना नहीं बन पाया इतनी समूह चलते हैं स्व सहायता समूह महिला द्वारा चलाए जाते हैं मगर कागज का टोंगा निर्माण पर किसी की ओर ध्यान नहीं बाजार में टोंगा बहुत कम उपलब्ध है हां अल्टरनेट में कैरी बैग कपड़े के उपलब्ध है जो हमें अक्सर मेडिकल स्टोर में दवाई लेने पर मिल जाता है मगर और कहीं नहीं मिल पाता खासकर राशन दुकान में सब्जी वालों के पास ठेले वालों के पास शासन या निगम प्रशासन प्रत्येक बार पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कार्यवाही करती है मगर निर्माण कागज का टोंगा व कपड़े का कैरी बैग बनाने के लिए इस ओर किसी का ध्यान नहीं इस विषय पर जब हमने नगर निगम भिलाई चरोदा के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अश्वनी चंद्राकर से पूछा तो वह अपने वर्शन में कहे कि हां कागज का टोगा बनाने का कार्य यह समूह द्वारा नहीं किया जाता है हम चाहते हैं कि सब उसे हम सभी प्रकार के समूह सामने आए तो मैं का निर्माण करें जिससे बाजार में बहुत संख्या में उपलब्ध हो तो व्यापारी व ठेले वाले भी पॉलीथिन का उपयोग करना अपने आप बंद कर देंगे और यह समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी मगर टोगा का निर्माण नहीं होता है मैं चाहता हूं कि ज्यादा से ज्याद टोगे का निर्माण हो और महिलाएं घर में बैठकर ही टॉगे का निर्माण कर सकती है इससे कुछ महिलाओं को घर में बैठकर ही आमदनी प्राप्त हो सकता है सूत्र ये भी बताते हैं कि लाखों टर्न पेपर रोज सुपेला भिलाई भिलाई 3 से नागपुर की ओर बिकिनी को निकल जाता है
निगम प्रशासन फिर जाग उठा…प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से पॉलीथिन का हो रहा है इस्तेमाल…वसूला जा रहा जुर्माना

