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अमन ज्योति व सौर्य प्रताप होंगे राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित

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रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद रायपुर की टीम ने इस साल दो बच्चों का चयन राज्य वीरता पुरस्कार के लिए किया है। जिनमें कोरबा की रहने वाली अमन ज्योति जाहिरे व धमतरी के सौर्य प्रताप चंद्राकर शामिल है। इन बच्चों को राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके पुलिस परेड ग्राउंड में 26 जनवरी को सम्मानित करेंगी। इसके अलावा पिछले साल कोरोना महामारी के कारण जिन तीन बच्चों को सम्मानित किया गया था उन्हें 26 जनवरी की देर शाम ही राजभवन में सम्मानित किया जाएगा। दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा में हुए बहुचर्चित हत्याकांड के चश्मदीश गवाह 10 वर्षीय दुर्गेश कुमार सोनकर भी शामिल है। वहीं राजधानी रायपुर की टिकरापारा निवासी कुमारी उन्नति शर्मा व धमतरी की कुमारी जानवरी राजपूत शामिल है। पांचों बच्चों का आज रायपुर प्रेस क्लब परिवार ने सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य के लिए पांच हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया।
अमन ज्योति जाहिर ने पत्रकारों को बताया कि 1 अगस्त फ्रेंडशिप डे के मौके पर वह अपने दोस्त साहिल पैगवार का जन्मदि न मनाने के लिए 20 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पॉट परसाखेला बांध पर गई हुई थी। इसी दौरान उसका एक साथी आशीष ठाकुर का पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गया। 10 – 12 दोस्तों में से किसी को भी तैरना नहीं आता था फिर भी अमन ज्योति ने साहस का परिचय देते हुए पानी में कूद गई और चट्टानों के सहारे बहते हुए पानी में अपने दोस्त आशीष को पकड़कर रखी थी। पानी के तेज बहाव होने के कारण आशीष बेहोश गया था और उसके बेट में पानी भर गया था। इसी बीच उसका एक साथी दीपांशु वहां पहुंचा और आशीष को बाहर निकालकर पेट में भरे पानी को बाहर निकाला। इस दौरान अमन ज्योति के हाथ की हड्डी खिसक गई और हाथ-पैर और छाती में गहरे चोट के निशान बन गए। सभी दोनों ने मिलकर उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। प्राधानाचार्य सरस्वती हायर सेकेण्डरी विद्यालय तथा पुलिस अधीक्षक ने अमन को राज्य एवं राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए अनुशंसा की थी।
धमतरी जिले के ग्राम सेनचुवा निवासी सौर्य प्रताप चंद्राकर ने अपना संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि 13 जून 2021 की घटना है जब भूपेषण चंद्राकर, महेंद्र तारक, परसराम साहू, योगेश्वर साहू, डोमन पटेल, विजय सभी खेत में कार्य करने के लिए गए हुए थे। इसी दौरान खेत से गुजरने वाली बिजली की तार खेत में स्थित बबूल के पेड़ में टकराया और आग लग गई। जिसमें पेड़ की डाली जलने लगी। वहीं बालक सौय प्रताप चंद्राकर अपने पिता भूषण चंद्राकर के साथ खेत देखने गया था। आग को जलता देख वह अपने पिता के मोबाइल फोन से बिजली वाले को फोन किया और लाइनमेन सुरेंद्र धुव्र ने तत्परता दिखाते हुए विद्युत पावर को बंद किया और एक बड़ा हादसा टल गया।

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