नई दिल्ली। 1 फरवरी की तारीख बस कुछ दिन बाद आ जाएगी। इस तारीख पर पूरे देश की नजरें हैं। कोरोना काल में आम बजट आने वाला है। देश कोरोना की दो लहरें देख चुका है। तीसरी लहर चल रही है। लाखों लोग जान गंवा चुके हैं और लाखों ही नौकरी गंवा चुके हैं। बड़ी मुश्किल से जिनकी नौकरी बची है या जिन्हें मिली है, उनका खर्च कई गुना बढ़ गया है। ऐसे में नौकरीपेशा लोगों की नजर हर साल की तरह इस साल भी बजट पर है। उन्हें उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नौकरीपेशा लोगों को कुछ तोहफा दे सकती हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि इस बजट में वित्त मंत्री नौकरीपेशा के लिए खास क्या कर सकती हैं। सूत्रों के जरिए एक अखबार ने बताया है कि आने वाले बजट में वित्त मंत्री स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा सकती हैं। खबर के मुताबिक वेतनभोगी करदाताओं और पेंशन लेने वालों के स्टैंडर्ड डिडक्शन में 35 फीसदी तक बढ़ोतरी हो सकती है।
बता दें कि फिलहाल स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर नौकरीपेशा लोगों को 50000 रुपए की छूट सालाना मिलती है। टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया जा सकता है। इसी बदलाव के आधार पर स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रारूप तय होगा। यहां ये जानकारी भी जरूरी है कि सरकार दो तरह की टैक्स रिटर्न व्यवस्था चला रही है। पुरानी रिटर्न व्यवस्था जिन्होंने ले रखी है, उन्हें ही स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलता है। नई व्यवस्था वालों को ये नहीं मिलता। देखना ये है कि क्या वित्त मंत्री नई रिटर्न व्यवस्था अपनाने वालों को इसका फायदा देती हैं या नहीं। इसके अलावा नौकरीपेशा क्लास के लिए धारा 80-सी के तहत 1.50 लाख रुपए कुछ बचत योजनाओं में जमा कराने पर टैक्स छूट मिलती है। माना जा रहा है कि इसे भी बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा अखबार के मुताबिक बेसिक एक्जेम्प्शन लिमिट और धारा 87-ए के तहत रिबेट की लिमिट भी बढ़ सकती है।
बीच में सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन देना बंद कर दिया था। साल 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे दोबारा शुरू किया। उन्होंने 40000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया था। फिर 2019 में इसे बढ़ाकर 50000 रुपए कर दिया गया। फिलहाल महंगाई और कोरोना, दोनों का ही असर हर व्यक्ति पर है। नौकरीपेशा के लिए हालात काफी विषम हैं। ऐसे में सबकी नजरें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण पर है।