भागवत के सातवें दिन सुनाई परीक्षित मोक्ष की कथा
संजय महिलांग/ नवागढ़। नगर के मध्य मिश्रा पारा नवागढ़ में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के सातवे दिन पंडित अरुण दुबे (बिल्हा) ने श्री कृष्ण के परलोक गमन एवं परीक्षित मोक्ष के बारे में विस्तार से कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत में निहित नैतिकता और आध्यात्मिकता के तत्व हमें जीवन के मूल को समझने के लिए उपयुक्त मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। भागवत कथा के माध्यम से भगवान द्वारा दिए गए कर्म, ज्ञान एवं भक्ति के संदेश को समझा जा सकता है। पंडित दुबे ने इस कथा के माध्यम से आध्यात्म की गहराइयों से अवगत कराया। वहीं कृष्ण भजनों की अनुपम श्रृंखला ने कार्यक्रम में उपस्थित भक्तगणों को मंत्रमुग्ध कर डाला।
कथावाचक पं दुबे ने कहा कि जब जब भगवान के भक्तों पर विपदा आती है तब भगवान उनके कल्याण के लिए सामने आते हैं। परीक्षित को भवसागर से पार लगाने के लिए अब भगवान शुकदेव के रूप में प्रकट हो गए और श्रीमद्भागवत कथा सुनाकर परीक्षित को अपने चरणों में स्थान प्रदान किया। उन्होंने महाभारत के कई प्रसंग भी सुनाए। कर्ण और भगवान श्रीकृष्ण के बीच संवाद को बताते हुए उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान जब कर्ण की भगवान कृष्ण से चर्चा हुई तो कर्ण ने कहा कि मृत्यु के बाद ऐसी जगह मेरा दाह संस्कार हो जहां आज तक किसी का नहीं हुआ। भगवान ने उसकी मृत्यु के बाद कर्ण का अंतिम संस्कार अपने हाथों से किया।
नारायण की भक्ति में आनंद
कथावाचक ने कहा कि नारायण की भक्ति में ही परम आनंद मिलता है। उसकी वाणी सागर का मोती बन जाता है। भगवान प्रेम के भूखे हैं। वासनाओं का त्याग करके ही प्रभु से मिलन संभव है। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि वासना को वस्त्र की भांति त्याग देना चाहिए। भागवत कथा का जो श्रवण करता है भगवान का आशीर्वाद बना रहता है।ते के ए के ए के ए के ए। के
रविवार को होगा समापन,
आयोजक राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि रविवार को श्रीमद्भागवत भागवत का समापन होगा। आज गीता, सहस्त्रधारा, पूर्णहुति एवं शोभायात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने सभी भक्तजनों से निवेदन किया कि अधिक से अधिक संख्या में अंतिम दिवस में भक्तजन उपस्थित रहे।
कथा स्थल में कमलेश शर्मा,महेश मिश्रा, राजेन्द्र मिश्रा, मनभर मिश्रा, राकेश जायसवाल,दारा मिश्रा, पं सुंदरम पाठक, रामावतार, संतोष, दिनेश, बीरबल, सन्तु, विनोद, कृष्णकुमार, बबला मिश्रा, रमेश चौहान, तुलसीराम चौहान, दिनेश साहू, सालिकराम श्रीवास्तव, जुठेल सिन्हा, रामनारायण पाठक, खेलन यादव, चैनु यादव,बिहारी श्रीवास्तव, मुकेश तंबोली, अन्नू दीवान, भुरूवा जायसवाल, बसोहर पाल, बहोरन ठाकुर, भरत ध्रुव, रामकुमार वर्मा, कृष्णकुमार यादव, केजउ पाल, राकेश ठाकुर, कोल्हू श्रीवास, कलीराम यादव, दुर्गेश यादव, राकेश पाल सहित भक्तजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।