बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. जीपी सिंह ने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक और जांच पर स्टे नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दिया है.
10 ठिकानों पर हुई थी छापे की कार्रवाई
1 जुलाई 2021 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह के कई ठिकानों पर छापा मारा था. एसीबी को जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी. शिकायत के बाद सिंह के सरकारी आवास समेत लगभग 10 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की गई. 68 घंटे चले मैराथन छापेमार कार्रवाई में एसीबी को जीपी सिंह के खिलाफ 10 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले.
छापे के बाद उन्हें राज्य सरकार ने पद से निलंबित कर दिया था. वहीं बाद में उनके ऊपर राजद्रोह का मामला भी दर्ज कर दिया गया. राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद से ही जीपी सिंह फरार चल रहे हैं. इसी बीच आईपीएस जीपी सिंह ने हाईकोर्ट की शरण ली है. रिट याचिका दायर करते हुए आईपीएस ने पूरे मामले में स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की. लेकिन हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिलने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
1994 बैच के ऑफिसर हैं जीपी सिंह
एडीजी जीपी सिंह, भारतीय पुलिस सेवा के 1994 बैच के अधिकारी हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिंह एसीबी (ACB) के प्रमुख भी रहे थे.