रायपुर वॉच

छग में ‘ओमिक्रान’ के दस्तक की दहशत…सख्ती और पाबंदी का दौर शुरु

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद चिंता का विषय है। देश में ओमिक्रान ने अब तक 26 राज्यों में अपनी पहुंच बना ली है, तो 1315 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। अब केवल 3 राज्य और 6 केंद्र शासित राज्य ही शेष हैं, जहां पर कोरोना के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रान’ ने दस्तक नहीं दी है, जिसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। लेकिन पड़ोसी राज्यों में ‘ओमिक्रान’ की दस्तक ने छत्तीसगढ़ में दहशत बढ़ा दी है।

इस बात का ख्याल रखते हुए छत्तीसगढ़ में सख्ती और पाबंदी का दौर शुरु हो गया है, तो भविष्य की विपत्ति यानी तीसरी लहर पर ध्यान देते हुए सरकार ने अभी से LOCK DOWN से पहले पूर्वाभ्यास शुरु कर दिया है। जिसके चलते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के बढ़ते हुए प्रकरणों की रोकथाम और ओमीक्रॉन वायरस के कारण आने वाली तीसरी लहर की भयावहता से निपटने के लिए मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त संभागायुक्त, समस्त कलेक्टर और समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक ली।

युद्धस्तर पर तैयारियों के निर्देश

उन्होंने बैठक में निर्देशित किया कि राज्य में कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए अभी से ही युद्ध स्तर पर सभी जरूरी तैयारियां प्रारंभ कर दी जाए। साथ ही जिलों को उपलब्ध कराए गए समस्त चिकित्सकीय उपकरणों-संसाधनों की कार्यशीलता की जांच आगामी दो दिनों के भीतर कर ली जाए। कोविड संबंधी व्यवहार जैसे मास्क-सेनेटाइजर के उपयोग सहित सोशल डिस्टेसिंग के नियम का कड़ाई से पालन हो।

केवल 33 फीसदी क्षमता की अनुमति

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि सार्वजनिक स्थान जैसे-हॉटल, सिनेमा हॉल थियेटर आदि 33 प्रतिशत बैठक क्षमता के साथ ही संचालित होंगे। सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन के पूर्व जिला दंडाधिकारी की अनुमति जरूरी होगी। जैन ने कलेक्टरों से कहा है कि संक्रमण के दूसरे लहर के दौरान आयी कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी जरूरी उपाय अभी से ही प्रारंभ कर दिए जाए। उन्होंने ने अवगत कराया कि ओमीक्रॉन वायरस का फैलाव अधिक तेजी से होता है। जिसके कारण संक्रमितों की संख्या भी तेजी से बढ़ती है। इसके रोकथाम के लिए टेस्ट की संख्या को बढ़ाना जरूरी है।

पूरा गांव बन जाएगा कंटेनमेंट जोन

किसी गांव अथवा वार्ड में एक भी व्यक्ति संक्रमण की चपेट में आता है तो उस पूरे गांव अथवा वार्ड को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिन्हित किया जाना है। जिलों में कोरोना संक्रमण से प्रभावितों में से पांच प्रतिशत लोगों का जिनोम सिक्वेंसींग अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए है। सर्दी-खांसी के मरीजों का संक्रमण जांच किया जाना चाहिए। दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश जैसे अन्य स्थान जहां संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, वहां से व्यावसायिक कारणों से छत्तीसगढ़ आने वाले लोगों की सूचना रखी जाएगी और उनकी जांच भी अनिवार्य रूप से की जाएगी। प्रत्येक गली-मोहल्लों में पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी द्वारा गस्त की जाए और मास्क का उपयोग सुनिश्चित कराया जाए।

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