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प्रधानमंत्री ने IIT कानपुर में ब्‍लॉकचेन आधारित डिजिटल डिग्री देने का शुभारंभ किया

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कानपुर। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने देश के विदयार्थियों और युवाओं से अपील की है कि वे आत्‍मनिर्भर भारत के लिए अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ रहें जिनसे देश के समक्ष कई समस्‍याओं का स्‍थायी समाधान हो सकता है। भारतीय प्रौदयोगिकी संस्‍थान- आई आई टी कानपुर के 54वें दीक्षांत समारोह में विदयार्थियों को सम्‍बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को विदयार्थियों और आई आई टी की क्षमताओं पर पूरा विश्‍वास है और उनकी हर तरीके से मदद के लिए तैयार हैं। देश की स्‍टार्ट अप और युनिकॉर्न कम्‍पनियों के अभूतपूर्व विकास का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनमें से कई कम्‍पनियां आई आई टी विदयार्थियों ने ही शुरू की हैं। श्री मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों में उनकी सरकार ने आत्‍मनिर्भर भारत का लक्ष्‍य हासिल करने के लिए कई कदम उठाये हैं और आई आई टी के विदयार्थी इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्‍होंने छात्रों को सलाह दी कि वे नवाचार और तकनीकी पहलुओं पर ध्‍यान केन्द्रित करते हुए अपने जीवन के भावनात्‍मक पहलुओं को नजरअंदाज न करें। दीक्षांत समारोह के दौरान विद्यार्थियों को राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत संस्थान में विकसित तकनीक के माध्यम से ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल डिग्री देने का शुभारंभ किया। इस अवसर पर एक हजार 723 विदयार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई और 80 पुरस्‍कार तथा पदक प्रदान किये गये। इन डिजिटल डिग्रियों का वैश्विक सत्‍यापन किया जा सकता है और ये फर्जी नहीं बनायी जा सकतीं। इसके अलावा तीन प्रतिष्ठित व्‍यक्तियों प्रोफेसर रोहिग्‍णी एम. गोडबोले, सेनापति क्रिस गोपालकृष्‍णन और पंडित अजय चक्रवर्ती को डॉक्‍टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई।

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