रायपुर। मैट्स यूनिवर्सिटी, रायपुर के हिन्दी विभाग की प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी के काव्य संग्रह ’नया सवेरा’ का भारतीय नवजागरण के अग्रदूतपं. माधव राव सप्रे विषय पर नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में विमोचन किया गया। डॉ. अंसारी का यह काव्य संग्रह उनका प्रतिनिधि संकलन है।
यह राष्ट्रीय संगोष्ठी महाराष्ट्र सरकार के राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी मुंबई और राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराजा नागपुर विश्वविद्यालय नागपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई। इस अवसर पर महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ला, भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, नवभारत भोपाल के पूर्व संपादक और सप्रे संग्राहलय भोपाल के संस्थापक श्री विजयदत्त श्रीधर, पं. माधव राव सप्रे के पौत्र श्री अशोक सप्रे, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. कुमुद शर्मा, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे, दक्षिण भारत दिल्ली प्रचार समिति के कुलपति डॉ. राममोहन पाठक, केंद्रीय विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग, हैदराबाद के अध्यक्ष प्रो. गजेंद्र पाठक, सावित्रिबाई फूले पुणे विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार रोडे, शिलांग विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. हितेंद्र मिश्र, वरिष्ठ साहित्यकार श्री गिरीश पंकज, संयोजक डॉ. मनोज पांडे, नागपुर विश्वविद्यालय के मानविकी संकाय के अध्यक्ष डॉ. दत्तात्रेय वाटमोडे, पं. माधव राव सप्रे शोध केंद्र, रायपुर के सचिव डॉ. सुधीर शर्मा, सप्रे अकादमी मुंबई के सह निदेशक श्री सचिन निंबालकर, माधव राव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल की निदेशक डॉ. मंगला अनुजा, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको भिलाई के शिक्षा विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तृषा शर्मा, लेखक श्री कृष्ण नागपाल, आयोजन सचिव डॉ. संतोश गिरहे, महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा के अध्यक्ष डॉ. अजय पाटिल, प्रो. सुभाष चौधरी, प्रो. संजय दुबे प्रमुख रूप से उपस्थित थे। सर्वश्री प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित इस काव्य संग्रह में 31 कविताओं का संग्रह है। पं. माधव राव सप्रे शोध केंद्र, रायपुर के सचिव एवं प्रकाशक डॉ. सुधीर शर्मा के अनुसार डॉ. रेशमा अंसारी अपना सुख-दुख और दूसरों के सुख-दुख को साझा करतीं वे इस संग्रह में जीवन, मानवता, भाषा, नारी की चिंता, देश, घर-परिवार, कोरोना का संकट, लॉकडाउन, पिता-पुत्री के रिश्ते, माँ., आजादी और नदियों के शब्दों का आभूषण पहनाती हैं। वरिष्ठ महिला साहित्यकार डॉ. सत्यभामा आड़िल के अनुसार ’नया सवेरा’ कविता विषम परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोच के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर होने के प्रति प्रेरित करती है। डॉ. रेशमा अंसारी की कविताएं विविधता से युक्त ’समय की धड़कन’ की कविताएं हैं। यह कवयित्री का पहला काव्य संग्रह है। भविष्य की संभावनाएं निहित हैं।
डॉ. रेशमा अंसारी के काव्य संग्रह के विमोचन पर मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया, कुलपति प्रो. के.पी. यादव, उपकुलपति डॉ. दीपिका ढांड, कुलसचिव श्री गोकुलानंदा पंडा सहित मैट्स परिवार ने हर्ष व्यक्त कर इसे सराहनीय प्रयास बताया है।