प्रांतीय वॉच

स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बढ़ाया जिले का मान…बनाई नई पहचान

Share this

 

आउटलुक के ’’स्पीक आउट’’ कार्यक्रम में ममता खाद्य तेल प्रसंस्करण सहकारी समिति के सदस्यों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

अफताब आलम

बलरामपुर / विकासखण्ड वाड्रफनगर की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जिले को गौरवान्वित किया है। आउटलुक मीडिया समूह द्वारा आयोजित “स्पीक आउट छत्तीसगढ़” समिट तथा अवार्ड कार्यक्रम में “ममता खाद्य तेल प्रसंस्करण सहकारी समिति” की सदस्य श्रीमती गीता कुशवाहा को समूह के उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदाय कर समूह की महिलाओं का सम्मान तथा उनका उत्साहवर्धन किया गया।
जिले में कृषि आधारित व्यवसायों के आपार संभावनाओं तथा महिलाओं को उद्यमिता से जोड़ने के लिए विकासखण्ड वाड्रफनगर के बसंतपुर में ममता खाद्य तेल प्रसंस्करण सहकारी समिति की स्थापना 2020 में की गई थी। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के बड़े भौगोलिक क्षेत्र में सरसों वृहद स्तर पर उत्पादन किया जाता है। इसीलिये क्षेत्र में सरसों से तैयार होने वाले उत्पादों के व्यवसाय की संभावनाएं देखी जा रही थी। महिलाओं द्वारा स्थापित सरसों तेल प्रसंस्करण का यह उद्योग इसी संभावनाओं को पूरा कर रहा है। बसंतपुर एवं आसपास के गांवों के स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आपस में मिलकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार देने के प्रयास को सफलता मिली है। पुरस्कार प्राप्त करने पहुंची समूह की सदस्य श्रीमती गीता कुशवाहा का कहना है कि हम महिलाएं घर से बाहर निकली हैं तथा तेल उत्पादन के साथ ही उसकी मार्केटिंग तथा प्रचार-प्रसार कर रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने तथा महिलाओं को आथर््िाक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प का ही परिणाम है कि हम महिलाओं को यह अवसर मिला है। काम के अनुकूल वातावरण मिलने से न केवल महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि उनकी क्षमता के साथ न्याय हुआ है। जिला प्रशासन ने भी सतत् रूप से इस तेल प्रसंस्करण केन्द्र को स्थापित करने व उसका विस्तार करने में सहयोग किया है। कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने स्व सहायता समूह के महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि महिलाएं इस पुरस्कार की वास्तविक हकदार हैं। उन्होंने साबित कर दिखाया है कि महिलाएं किसी भी रूप में कमतर नहीं हैं तथा बड़े से बड़े काम को बेहतर प्रबंधन के साथ करने में वे अधिक सक्षम हैं।
स्व सहायता समूह की महिलाएं बताती हैं कि उद्योग के लिए कच्चा माल के रूप मे सरसों बीज स्थानीय हाट बाजारों तथा कृषकों से खरीदा जाता है। तत्पश्चात् प्रसंस्करण केन्द्र में सरसों का तेल तैयार कर शेष सह उत्पाद के रूप में प्राप्त खली का विक्रय किया जाता है। खली का उपयोग पशुओं के लिए चारे के रूप में किया जाता है, जिसकी भी बड़ी मांग है। समूह का उत्पाद “आकृति कच्ची घानी प्रीमियम सरसों तेल” के नाम से विक्रय किया जा रहा है। महिलाएं ने बताया कि छात्रावासों, आंगनबाड़ियों एवं स्कूलों में तेल के उपयोग पश्चात् हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। यह हमारे लिए गर्व की बात है तथा आगे भी समर्पित भाव से अपने उद्योग के प्रगति के लिए कार्य करते रहेंगे। समूह की महिलाओं ने बताया कि उद्योग के स्थापना के समय हमें तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया था, वर्तमान में जिसका हमें बहुत लाभ हो रहा है। उन्होंने बताया कि निम्न स्तर की तकनीकी समस्या के लिए हम तकनीकी विशेषज्ञों के साथ वीडियो कॉल के माध्यम चर्चा कर उसका निराकरण करते हैं। महिलाओं ने आगे बताया कि जब उद्योग की स्थापना का प्रस्ताव आया तो हम सभी महिलाओं ने एक स्वर में हामी भरी थी, प्रशासन के ऐसे साकारात्मक प्रयासों से हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। प्रशासन ने हमें मौका दिया जिसे हम सभी महिलाएं मिलकर सही साबित किया है। उद्योग के क्षेत्र महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से न केवल जिले का बल्कि पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *