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शहीद वीर नारायण सिंह बलिदान समारोह में शामिल हुए संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे

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संजय महिलांग /  नवागढ़ :- आदिवासी समाज के संस्कृति और सभ्यता के कारण ही पूरे देश में जाने जाते हैं छत्तीसगढ़ , आजादी की लड़ाई में आगे रहा आदिवासी समाज जिनका उदाहरण है शहीद वीर नारायण सिंह उक्त बातें संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे ने आदिवासी समाज द्वारा आयोजित शहीद वीर नारायण बलिदान समारोह में कही । संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे बेमेतरा जिले के ग्राम करंजिया नवागांव ( भंसुली )के दौरे पर रहे जहां वे आदिवासी समाज द्वारा आयोजित शहीद वीर नारायण सिंह बलिदान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए । कार्यक्रम में पहुंचने पर आदिवासी समाज और ग्रामीणों के द्वारा संसदीय सचिव का आदिवासी नृत्य के साथ भव्य स्वागत किया गया । उसके बाद मुख्य अतिथि गुरुदयाल सिंह बंजारे द्वारा बुढ़ा देव और शहीद वीर नारायण के चलचित्र पर पुष्प अर्पित कर क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अगेश्वर सिंह मंडावी ( प्रदेश अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज ) ने आदिवासी समाज और उसकी संस्कृति के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला और आदिवासी समाज के किए गए कार्यों को बताने के साथ ही शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान के बारे में भी अवगत कराया । उनके भात आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष मूरित कुमार मरावी ने समाज की आवश्यकताओं पर जोर देते हुए आदिवासी समाज की ओर से मांगे संसदीय सचिव के सामने प्रस्तुत किया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे ने शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान को याद कर कहा कि आदिवासी समाज स्वतंत्रता की लड़ाई में सबसे आगे रहा जिसका उदाहरण है शहीद वीर नारायण सिंह आज उनके बलिदान से आने वाले समाज को प्रेरणा मिल रहा है , शहीद वीर नारायण सिंह अपने बलिदान देकर भी हम सबके बीच अमर हो गए और आज बलिदान के कारण केवल आदिवासी समाज ही नहीं सभी समाजों के बीच में देवताओं के समान पूजा जा रहे हैं । उन्होंने आगे शहीद वीर नारायण सिंह के कार्य को याद करते हुए कहा कि जिस समय देश में अंग्रेजी शासन हुआ करता था उस समय बहुत अकाल पड़ा लोग एक-एक दाना अनन के लिए मोहताज हो गए ऐसे समय में शहीद वीर नारायण सिंह ने साहस दिखाया और खाद सामग्री से भरे गोडाउन खोलकर अनाज लोगों को वितरण किया । और हमारे छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज की एक अलग पहचान हैं जिन्होंने संस्कृति सभ्यता और प्रकृति के लिए कई त्याग भी दिए हैं आज आदिवासी समाज के कारण ही पूरे भारत में छत्तीसगढ़ की अलग पहचान है । आदिवासी समाज की मांग पर संसदीय सचिव ने करंजिया नवागांव ( भंसुली ) और बिटकुली में आदिवासी समाज सामुदायिक भवन के लिए 13 लाख और बूढ़ादेव देवालय निर्माण के लिए राशि देने की घोषणा किया । कार्यक्रम में संसदीय सचिव के साथ अगेश्वर सिंह मंडावी ( प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी समाज ) मूरित मरावी ( जिला अध्यक्ष आदिवासी समाज ) , दत्त जैनपुरी , नंदकुमार साहू , संतोषी साहू ( सभापति जनपद पंचायत बेमेतरा ) ईश्वरी साहू , लाल चंद साहू , प्रमोद ,लक्ष्मी साहू , दिलीप मंडावी , यशवंत साहू सहित भारी संख्या में आदिवासी समाज के लोंग और कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।

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