रायपुर। सेंट्रल जेल से लाया गया एक बीमार कैदी आंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) से भाग गया। अब इस मामले में मौदहापारा थाने की टीम ने फरार कैदी के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसे दो दिन पहले रेलवे की पुलिस ने चोरी के मामले में पकड़ा था। तब से आरोपी को रायपुर की सेंट्रल जेल में रखा था। मामले की सुनवाई कोर्ट में जारी थी कि इस बीच नया कांड करते हुए बदमाश हाथ में लगी हथकड़ी खोलकर अस्पताल से ही भाग गया।
जेल प्रहरी रामलाल कोसले की कस्टडी से 34 साल का पी मोहनराव भागा है। मोहन राव भिलाई के जागृति नगर का रहने वाला है। सोमवार की शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक कोसले की ड्यूटी थी। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक रात के वक्त ही मोहन राव यहां से भाग गया। दो दिन पहले 18 दिसंबर को रेलवे पुलिस के केस की वजह से मोहन राव को रायपुर की जेल में रखा गया था। बीमार होने पर डॉक्टर्स ने इसे आंबेडकर अस्पताल रेफर किया। इसके साथ जेल की सुरक्षा में लगा स्टाफ भी गया था।
मोहन राव पर नजर रख रहे जेल प्रहरी रामलाल कोसले ने बताया कि आंबेडकर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रात के वक्त वो एडमिट स्लिप लेने के लिए पहुंचा था। इस बीच पीछे से हथकड़यों से दोनों हाथ निकालकर मोहन फरार हो गया। कोसले ने इसके बाद अपने अफसरों को खबर दी। करीब 1 घंटे तक अस्पताल कैंपस और आस-पास के हिस्से में उसे ढूंढा गया मगर मोहन का कहीं पता नहीं चला।
अब पुलिस अस्पताल में लगे CCTV की जांच के जरिए मोहन का सुराग पता लगाने की कोशिश में है। दुर्ग पुलिस को भी इस केस में अलर्ट मोड पर रखा गया है, क्योंकि आरोपी वहीं का रहने वाला है।
पुलिस खुद भागने में कर चुकी है मदद
पिछले महीने रायपुर के कोर्ट कैंपस से एक हत्या के मामले का आरोपी फरार हो चुका है। अनुपम झा नाम का ये आरोपी अब तक पकड़ा नहीं गया। डिपार्टमेंटल जांच में ये बात सामने आई कि उसकी सुरक्षा में गया पुलिसकर्मी ही उसे भगाने के प्लान का मास्टर माइंड था।
कैदी को भगाने वाले आरोपी पुलिस कांस्टेबल रावेंद्र प्रसाद पटेल के खिलाफ अब सिविल लाइंस थाने में केस दर्ज किया गया है। इसके खिलाफ डिपार्टमेंटल इंक्वायरी के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। एक महीने पहले रावेंद्र हत्या के मामले में बिहार के रहने वाले अनुपम झा को लेकर कोर्ट कैंपस आया था।
कई बार अस्पताल से भाग चुके हैं कैदी
पिछले 6 महीने में आंबेडकर अस्पताल से कैदी के भागने की ये तीसरी घटना है। इससे पहले रायपुर, महासमुंद और दुर्ग के रहने वाले बंदी भी भाग चुके हैं। ये अब तक पकड़े नहीं गए। एक मामले में तो अस्पताल से भागा कैदी पकड़े जाने के बाद रास्ते में फिर फरार हो चुका है।
डीकेएस अस्पताल से करीब 6 महीने पहले महासमुंद से इलाज के लिए लाया कैदी पुलिस को चकमा देकर भाग गया था, बाद में इसे पुलिस ने तिल्दा में पकड़ लिया। उसे रायपुर लाया जा रहा था। बरौदा गांव के पास कैदी गाड़ी से कूदकर भाग निकला। पुलिस ने उसका पीछा किया, लेकिन कैदी चकमा देकर निकल गया। इसके खिलाफ दूसरी बार पुलिस ने हिरासत से भागने का केस दर्ज किया है। आरोपी का नाम धनीराम घृतलहरे है।