रायपुर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि सीसीआई द्वारा अमेज़ॅन को 200 करोड़ रुपये का दंड देने और फ्यूचर डील को निलंबित करने का आदेश एक ऐतिहासिक आदेश है जिससे अमेज़ॅन का कदाचार ,कानूनों और नियमों के निरंतर उल्लंघन और हर कदम पर झूठ का सहारा लेने की आदत अब पूरी तरह से उजागर हो गई है। इस कदम से कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बैनर तले भारत का व्यापारिक वर्ग के अमजोन के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप भी सही साबित हुआ है। कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भारत में ऐमज़ॉन पोर्टल को तत्काल निलंबित करने का आदेश देने की मांग की है। कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने कहा कि भारतीय कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए अमेज़ॅन की शातिर मंशा को सीसीआई ने पूरी तरह विफल कर दिया है।
पारवानी एवं दोशी ने सीसीआई के साहसिक आदेश की सराहना करते हुए कहा कि सीसीआई का आदेश अमेज़ॅन के कुकर्मों को सुर्खियों में लाने के लिए कैट के दो साल से अधिक के कठोर प्रयासों का पहला ठोस परिणाम है। अंत में कैट के प्रयास सही साबित हुए है। उन्होंने कहा कि यह न केवल अमेज़न बल्कि अन्य विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भारत सरकार के कानून, नियमों और एफडीआई नीति का उल्लंघन बंद करने का स्पष्ट सन्देश है। हालांकि, कैट यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियां चाहे बहुराष्ट्रीय कंपनियां हों या भारतीय उन्हें कानून का पालन करना चाहिए। “हम सरकार के कानूनों और नीतियों के किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेंग”, दोनो व्यापारी नेताओं ने कहा।