प्रांतीय वॉच

छत्तीसगढ़ से 12 महीने में दिल्ली को 30 चिट्ठियां… लेकिन एक की भी सुनवाई नहीं हुई… एथेनाल की अनुमति नहीं, जीएसटी क्षतिपूर्ति भी नहीं मिला…

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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से केन्द्र सरकार के साथ टकराव लगातार जारी है। किसी न किसी मुद्दे पर दोनों के बीच अक्सर टकराव के हालात नजर आते हैं। राज्य सरकार शुरू से ही केन्द्र सरकार पर असहयोग का आरोप लगाती है।यह राज्य द्वारा केन्द्र सरकार को भेजी गई चिटि्ठयों को पढ़कर भी समझा जा सकता है।

सीएम भूपेश बघेल तथा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पिछले एक साल में केन्द्र सरकार को लगभग 30 से ज्यादा चिट्‌ठी अलग-अलग मांगों को लेकर भेजी है। बता दें कि हाल ही में सिंहदेव ने वैक्सीन की बूस्टर डोज के लिए केंद्र को पत्र लिखे हैं। इनमें से अधिकांश चिटि्ठयों का तो औचित्य ही समाप्त हो गया है। जबकि बारदाना, खाद, धान से एथेनाल, मनरेगा श्रमिकों के भुगतान की मैपिंग, जीएसटी क्षतिपूर्ति, पीएम आवास का पैसा जैसे कई मामले हैं जिनमें राज्य सरकार की आेर से चिट्‌ठी तो भेजी गई है, पर केंद्र की ओर से इस पर एक्शन नहीं हो पाया है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय खाद्यमंत्री पीयूष गोयल तथा नागरिक विमानन मंत्री हरदीप पुरी को जनवरी में दो चिटि्ठयां लिखी जिसमें गोयल से चावल का कोटा बढ़ाने तथा पुरी से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने का आग्रह किया था लेकिन दोनों चिटि्ठयों का न कोई जवाब आया न ही केन्द्र ने इस पर कोई कार्रवाई की। इसी तरह फरवरी में सीएम ने केन्द्रीय रक्षा मंत्री पत्र लिखकर बिलासपुर में थल सेना की लंबित छावनी स्थापना के लिए पत्र लिखा था। इसी तरह अप्रैल में पीएम मोदी को पत्र लिखकर माना एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय घोषित करने तथा पुराने एयरपोर्ट को कार्गो हब के रूप में विकसित करने चिट्‌ठी लिखी थी।इसी तरह केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को मनरेगा भुगतान के लिए हितग्राहियों के नए खातों को मैपिंग करवाने तथा खाद, वैक्सीन की एक करोड़ डोज, कोरोना से मृत परिवार के सदस्यों को चार लाख रुपए मुआवजा, जीएसटी क्षतिपूर्ति तथा एथेनाल बनाने, पेट्रोल-डीजल पर सेस कम करने व बारदाने की मांग को लेकर पत्र लिख चुके हैं। इनमें से राज्य सरकार को न तो एथेनाल बनाने की अनुमति मिली है न पर्याप्त बारदाना मिला है और न ही अब तक मांग के अनुरूप जीएसटी क्षतिपूर्ति मिल पाई है। इसी तरह स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जीएसटी क्षतिपूर्ति, वैक्सीन का बूस्टर डोज समेत कई अलग-अलग मांगों पर चिट्‌ठी लिखी है। लेकिन उन्हें भी अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।12 नवंबर 21: वित्तमंत्री को : जीएसटी क्षतिपूर्ति जून-22 के बाद देने, पेट्रोल-डीजल से सेस हटाने।
23 नवंबर 21: पीएम को : बारदानों की आपूर्ति।
24 नवंबर 21: पीएम को : कोरोना मृतक के परिवारों को 4 लाख मुआवजा।
29 जून 21: पीएम को : वैक्सीन के एक करोड़ डोज उपलब्ध कराने।
29 जून 21: पीएम को : 3 लाख टन खाद की मांग।
14 मई 21: ग्रामीण विकास मंत्रालय को : मनरेगा भुगतान के लिए, अजा और अजजा के नए खातों की बैंक द्वारा पीएफएमएस मैपिंग।
3 मई 21: वित्तमंत्री सीतारमण को : कोरोना के दौरान लघु और मध्यम व्यवसायियों को राहत देने

28 अप्रैल: पीएम को : 18+ को वैक्सीन लगाने और एक दाम की नीति लागू करने के लिए।
29 अप्रैल 21: स्वास्थ्य मंत्री को : कोरोना दवाओं को आवश्यक वस्तु में शामिल कर कालाबाजारी रोकने।
24 अप्रैल 21: पीएम को पत्र : माना को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट में अपग्रेड करने, कार्गो हब बनाने की मांग।
24 अप्रैल 21: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को : वैक्सीन की न्यूनतम दर निर्धारित करने।
22 अप्रैल 21: पीएम को : वैक्सीन की समान दर लेने, 18+ को राज्य से टीके लगाने की अनुमति
20 फरवरी 21 : रक्षा मंत्री को : बिलासपुर में थल सेना की छावनी स्थापित करने।
20 फरवरी 21: जनजातीय कार्यमंत्री मुंडा काे : लघु वनोपज आधारित विकास के 234 करोड़ के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान करने।
16 फरवरी 21: वित्त मंत्री को: एक्साइज ड्यूटी कम करने, कृषि अधोसंरचना सेस जारी रखने।
29 जनवरी 21: विमानन मंत्री को : बिलासपुर को दिल्ली, मुम्बई, कोलकत्ता से जोड़ने की मांग।
29 जनवरी 21: खाद्य मंत्री गोयल को : एफसीआई में 24 लाख टन चावल की की मात्रा बढ़ाकर 40 लाख टन करने की मांग।


केंद्र से नहीं मिले 23140 करोड़
राज्य को केन्द्र से 23 हजार 140 करोड़ रुपए लेना है। इनमें केंद्रीय करों में हिस्से की पिछले तीन साल में केन्द्रीय बजट में प्रावधान से 13 हजार करोड़ रुपए कम मिले हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोयला खदानों का आवंटन निरस्त होने से 4,140 करोड़ रुपए भी राज्य को मिलना है। कैम्पा मद में केन्द्र से 1,000 करोड़ रुपए भी मिलना है।

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