रायपुर। अलग-अलग संगठनों में बिखरे हुए हिंदुओं को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से पहली बार राजधानी रायपुर में 25 दिसंबर को धर्म संसद में भारत के अनेक संत और महात्मा जुटने वाले है जिसकी तैयारियां शुरु हो गई है। यह आयोजन सन 1974 के बाद रायपुर के नीलकंठ सेवा संस्थान के तत्वावधान में हो रहा है।
धर्मसंसद 2021 छत्तीसगढ़ आयोजन के मुख्य संरक्षक और दूधाधारी मठ के महंत राम सुंदर दास ने बताया कि धर्म संसद 2021 करवाने का उद्देश्य अलग-अलग संगठनों में बिखरे हुए हिंदुओं को एक मंच में लाना है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को जागरूक करना है। धर्म संसद के कार्यक्रम में सभी संत महात्माओं को एकमंच पर एकत्रित कर संत महात्माओं द्वारा हिंदू समाज के लोगों को अपने समाज, अपने सनातन धर्म के प्रति कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा। महंत रामसुंदर दास ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए संत महात्मा लगातार प्रयास करते हैं। आने वाले दिनों में सनातन धर्म पर पडऩे वाले खतरे को देखते हुए धर्म संसद में चर्चा की जाएगी। पड़ोसी देशों में बसे सनातनियों पर लगातार आक्रमण से पडऩे वाले प्रभावों पर धर्म संसद में चर्चा की जाएगी।
श्री नीलकंठ सेवा संस्थान के संस्थापक पं. नीलकंठ त्रिपाठी ने बताया कि अब समय आ गया है कि भारत देश के समस्त सनातनियों को एकत्रित किया जाएगा और देश हित के लिए कार्य करने का संतों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। संत महात्माओं को सनातन धर्म के लिए आगे कर सनातन धर्म के विस्तार एवं रक्षा के लिए कार्य किया जाएगा।