रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मण्डाविया को पुन: पत्र लिखकर पूर्व में भेजे गए अद्र्धशासकीय पत्र का स्मरण करवाते हुए लिखा कि आपके समक्ष पुन: निवेदन है कि वर्तमान में कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रोन की उपस्थिति के बाद बूस्टर डोज एवं 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाना बहुत आवश्यक प्रतीत होने लगा है। अंतराष्ट्रीय स्तर में हो रहे लगातार शोधों में यह बातें प्रारंभिक तौर पर आ रही है कि, नये वेरियेंट के फैलने की गति डेल्टा वेरियेंट से कम से कम 2-3 गुना ज्यादा है और व्यक्ति से व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा संक्रमित करने की संभावना भी 2 गुना ज्यादा है। अंतराष्ट्रीय शोध में यह बात भी सामने आ रही है कि ओमीक़ान से प्रभावित लोगों में कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद उनमें विद्यमान एंटीबॉडी, संक्रमण को रोकने में पूरी तरह सफल नहीं हो रहे हैं. इस कारण बूस्टर डोज लगाना अति आवश्यक प्रतीत हो रहा है। बूस्टर डोज का प्रभाव काफी सकारात्मक है और इससे प्रतिरोधक क्षमता 70-75 प्रतिशत बढ़ रही है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने आगे लिखा कि उल्लेखनीय है कि दोनों वैक्सीन लेने के बाद भी लोग ओमीक़ान से संक्रमित होते देखे जा रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है कि युवाओं और बच्चों में ओमिक्रोन का संक्रमण ज्यादा है। वैज्ञानिक अंतराष्ट्रीय शोध के प्रारंभिक परिणामों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिकों से अविलंब राय लेकर प्रारंभिक तौर पर हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाईन वर्कर ,60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोग तथा को मोबॅडिटी वाले लोगों को बुस्टर डोज लगाया जाए एवं वैज्ञानिक सलाह के अनुसार 18 साल से कम उम्र वाले बच्चों के टीकाकरण के संबंध में भी जल्द से जल्द समुचित निर्णय लेना चाहेंगे।