दुर्ग जिले में भिलाई, रिसाली, चरौदा निगम सहित जामुल नगर पालिका में 20 दिसंबर को पार्षद और मेयर पद के लिए वोट डाले जाएंगे। सभी इलाकों में चुनाव का माहौल धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। सभी नगरीय निकाय में पहले पार्षद चुने जाएंगे फिर पार्षद ही मेयर का चुनाव करेंगे। इस अप्रत्यक्ष चुनाव के कारण मेयर बनने की इच्छा रखने वाले कुछ ताकतवर नेता भी पार्षद चुनाव लड़ रहे हैं।
पार्षदों के चुनाव के बीच यह चर्चा सभी तरफ है कि कांग्रेस या भाजपा जिसका भी बहुमत आया तो मेयर कौन बनेगा, पालिका अध्यक्ष कौन बनेगा। इसी बात का अनुमान लगाने के लिए भास्कर ने भिलाई नगर निगम के पार्षद प्रत्याशियों, कांग्रेस-भाजपा के नेताओं से बात की। इस बातचीत के बाद दोनों ही प्रमुख पार्टिंयों में भिलाई मेयर के 3-3 प्रमुख दावेदार सामने आए। हालांकि सभी नेताओं ने इनके नाम ऑफ द रिकार्ड ही बताएं, क्योंकि उनका कहना है कि यदि अभी से मेयर के दावेदार बता देंगे तो बगावत, नाराजगी झेलनी पड़ेगी। भिलाई नगर निगम के 70 वार्डों से कुल 318 प्रत्याशी मैदान में हैं।
भाजपा में इनकी चर्चा
भारतीय जनता पार्टी में जो सुगबुगाहट है उसके मुताबिक यदि भिलाई नगर निगम में पार्टी का बहुमत आया, मतलब इनके पार्षद ज्यादा संख्या में जीते तो महापौर की दावेदारी के लिए अरविंद जैन, दया सिंह और दिनेश यादव में से एक पर सहमति बन सकती है। तीनों ही जिले के पुराने भाजपाई हैं और विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। संगठन की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं और बड़े नेताओं से अच्छे संपर्क हैं।
सांसद के समर्थक हैं अरविंद
वार्ड 14 से चुनाव लड़ रहे अरविंद जैन आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता हैं। वे पहली बार पार्षद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले वह भाजपा के दो बार वैशाली नगर मंडल के अध्यक्ष और एक बार जिला उपाध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि विधायक विद्यारतन भसीन और सांसद विजय बघेल इनकी मेयर की दावेदारी का समर्थन कर सकते हैं।
दया सिंह भी दौड़ में
भाजपा से मेयर की दावेदारी में एक नाम दया सिंह का है। दया सिंह बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं। वह नगर निगम भिलाई के लिए वार्ड 44 लक्ष्मी नारायण नगर से पार्षद चुनाव लड़ रहे हैं। दया सिंह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं के करीबी हैं। इनके नाम पर मोहर भी राजधानी स्तर से लगी है।
सिटिंग पार्षद दिनेश का भी नाम
तीसरा नाम दिनेश यादव का है। ये वार्ड क्रमांक 70 शहीद कौशल यादव वार्ड से चुनाव लड़ रहे हैं। दिनेश इस वार्ड के सिटिंग पार्षद भी हैं। ये पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय के समर्थक हैं। अभी वर्तमान में राम जन्मोत्सव समिति के महामंत्री का पद संभाल रहे हैं। इस समिति के अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पाण्डेय के बेटे मनीष पाण्डेय हैं।
कांग्रेस में हो सकते हैं ये नाम
भिलाई नगर निगम में कांग्रेस की बात करें तो सभी 70 वार्ड में सबसे अधिक टिकट भिलाई नगर विधायक और पूर्व महापौर देवेंद्र यादव के समर्थक को मिली है। इतना ही नहीं मेयर के लिए जो तीन नामों की चर्चा चल रही है उसमें भी दो नाम देवेंद्र यादव के काफी खास हैं। ये दो नाम ऐसे हैं, जिसमें एक तो विधायक प्रतिनिधि हैं और दूसरे उनके खास मित्र।
एकांक्ष विधायक प्रतिनिधि भी
कांग्रेस में मेयर के लिए जो पहला नाम चल रहा है वह एकांक्ष बंछोर का है। एकांक्ष वार्ड 59, सेक्टर 5 पूर्व से पार्षद चुनाव लड़ रहे हैं। वो विधायक देवेंद्र के विधायक प्रतिनिधि हैं और उनके खास समर्थक। वे पहली बार पार्षद चुनाव लड़ रहे हैं। राजधानी के नेताओं, सीएम हाउस में भी एकांक्ष को लेकर अच्छी धारणा है, लिहाजा ऐसा समझा जा जा रहा है कि यदि कांग्रेस का बहुमत आया तो उनके नाम पर विचार हो सकता है।
पूर्व विधायक के पुत्र भी हैं दावेदा
कांग्रेस से दूसरा नाम संदीप निरंकारी का चल रहा है। संदीप, पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी के बेटे हैं। वह वार्ड 5 कोसा नगर से पार्षद प्रत्याशी हैं। साथ ही संदीप कांग्रेस संगठन में महामंत्री के पद पर है और काफी सक्रिय नेता हैं। वे गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के करीबी हैं। अगर बहुमत कांग्रेस का रहा तो संदीप के नाम पर भी चर्चा होना तय है।
सीनियर पार्षद नीरज की भी नजर
कांग्रेस से तीसरा नाम वार्ड 60 सेक्टर 5 पश्चिम के पार्षद प्रत्याशी नीरज पाल वर्मा का है। नीरज विधायक देवेंद्र यादव के काफी करीबी हैं। वे तीन बार के पार्षद और एमआईसी मेंबर भी रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल इतना विकास कार्य करवाया है, जितना शायद ही दूसरे वार्डों में हुआ हो। उन्हें अपनी सीनियारिटी और लोकप्रिय होने पर भरोसा है। वे जीते और कांग्रेस का बहुमत आया तो मेयर की दौड़ में निश्चित रूप से वे भी शामिल होंगे।