सोमवार शाम कौन प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहेगा कौन नहीं इस चर्चा पर विराम लग गया। भिलाई सहित तीन नगर निगम और जामुल नगर पालिका में नाम वापसी के अंतिम दिन 190 से अधिक उम्मीदवारों ने अपना नाम चुनाव नामांकन से वापस ले लिया। इसके बाद अब तीन निगम में 629 और जामुल नगर पालिका में 87 सहित कुल 716 प्रत्याशी चुनाव मैदान में दिखेंगे। इसके बाद अब कल यानी 7 दिसंबर से सभी प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतर जाएंगे। उनका प्रचार प्रसार जोर पकड़ने लगेगा।
भिलाई नगर निगम की बात करें तो यहां 70 वार्डों में कुल 437 लोगों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया थी। आज 119 लोगों ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद अब यहां 318 प्रत्याशी चुनावी मैदान में रहेंगे। हालांकि यहां वार्ड 19 से भाजपा प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बाद भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है, लेकिन भाजपा नेताओं का कहना है कि वह दूसरे उम्मीदवार को भाजपा का समर्थन देकर उसे जीत दिलाएंगे। वहीं भिलाई तीन चरौदा नगर निगम 23 अभ्यर्थियों ने नाम वापस लिया। अब यहां कुल 147 उम्मीदवार चुनावी मैदान में रह गए हैं। रिसाली नगर निगम में 45 अभ्यर्थियों ने नाम वापस लिया। इसके बाद यहां 164 अभ्यर्थी मैदान में रह गए हैं। नगर पालिका जामुल की बात करें यहां सोमवार को सबसे कम 5 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिया। अब यहां 20 वार्डों में कुल 87 उम्मीदवार चुनावी मैदान में रह गए हैं।
उतई नगर पंचायत में एक भी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया है। यहां एक वार्ड के लिए 5 अभ्यर्थी दावेदारी कर रहे हैं। इनके बीच काफी कड़ा मुकाबला होने की बात कही जा रही है।
पूरा दिन चलता रहा बागी प्रत्याशियों को मनाने का दौर
नामांकन के अंतिम दिन भिलाई, रिसाली, चरौदा निगम सहति जामुल नगर पालिका में सुबह से ही कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। सभी अपने पार्टी के बागी प्रत्याशियों को मनाने में लगे रहे। जामुल में तो कांग्रेस अपनी सबसे खास उम्मीदवार और निवर्तमान पालिका अध्यक्ष सरोजनी चंद्राकर का बी फार्म ही रोक दिया था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने कुछ बागी को खड़ा कराया और जब तक वह बैठेंगे नहीं उन्हें पार्टी बी फार्म नहीं देगी। इसके बाद अंतिम में उन्हें बी फार्म दिया गया। इसी तरह के हाल तीनो नगर निगम में भी देखने को मिले। हालाकि काफी बागियों मनाने में भाजपा और कांग्रेस के नेता कामयाब रहे।
कई बागी हुए अंडरग्राउंड
भाजपा और कांग्रेस के आला नेता सुबह से बागी प्रत्याशियों को खोजकर उनके ऊपर दबाव बना रहे थे। कई उनके दबाव में आकर नाम वापसी के लिए तैयार हो गए। कई ने अपने मन से ही नाम वापस ले लिया। इसके साथ ही कई प्रत्याशी ऐसा भी हैं, जिन्होंने तय कर लिया कि चुनाव लड़कर रहेंगे। ऐसे प्रत्याशियों में कई बड़े नेताओं से संबंध खराब न हो इसको लेकर अंडर ग्राउंड हो गए तो कई ने खुले रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। पार्टी नेताओं ने उन्हें अनुशासन का पाठ पढ़ाकर पार्टी से निकालने की धमकी भी दी, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा।