नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) आज भारत दौरे पर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि इस मुलाकात से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मो (PM Modi)और पुतिन के बीच शिखर वार्ता भी होगी. कहा जा रहा है कि इस दौरान रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा और तकनीक के अहम क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन शाम साढ़े पांच बजे शिखर वार्ता शुरू करेंगे. इसके बाद रूसी नेता रात साढ़े नौ बजे दिल्ली से वापसी की उड़ान भरेंगे. आईए 10 प्वाइंट के जरिए समझते हैं है भारत-रूस रिश्तों की जटिलता…
भारत ने एक बार फिर से इस बात के संकेत दिए हैं कि मास्को उसका करीबी रक्षा भागीदार बना रहेगा. सरकारी सूत्रों ने बताया है कि पुतिन की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, रक्षा, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई अहम समझौतों पर दस्तखत होंगे.
रूस से एस -400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीद को लेकर अमेरिका लगातार भारत को धमका दे रहा है. भारत पर अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा भी बढ़ गया है. ऐसे में अमेरिका CAATSA Act के जरिए भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि धमकी के बावजूद रूस से भारत अपना रक्षा सौदा जारी रखेगा. S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की पहली डिलीवरी शुरू हो चुकी है.
लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को दूसरा बढ़ावा दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच पहली 2+2 वार्ता के तौर पर मिलेगा. रूस चौथा देश बन जाएगा जिसके साथ भारत इस तरह की वार्ता करेगा. इससे पहले भारत अन्य तीन क्वाड पार्टनर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ इस तरह की वार्ता कर चुका है.
क्वाड पर रूस की चिंताओं के लिए, सरकारी सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली ने मास्को को समझाया है कि क्वाड चार देशों के बीच एक मुद्दा आधारित सहयोग है.
भारत और रूस के प्रौद्योगिक और विज्ञान पर संयुक्त आयोग की घोषणा करने के अलाव शिखर वार्ता में सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए अगले दशक की रूपरेखा तय करने की भी संभावना है. दोनों पक्ष भारतीय सशस्त्र सेनाओं के लिए 200 दोहरे इंजन वाले कामोव-226टी हल्के हेलीकॉप्टर के संयुक्त उत्पादन के लिए लंबित परियोजना पर विचार विमर्श करने के अलावा कई रक्षा खरीद प्रस्तावों पर भी बातचीत कर सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक भारत, रूस को अलग-अलग क्षेत्रीय घटनाक्रम पर अपनी चिंताओं के साथ ही पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर अपना रुख भी बता सकता है. विवाद को हल करने में रूस की संभावित भूमिका के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि भारत का हमेशा से मानना है कि मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करना चाहिए.
रूस में कोविड-19 के मौजूदा हालात के बावजूद राष्ट्रपति पुतिन का भारत की यात्रा करने का फैसला ये दिखाता है कि वो भारत के साथ संबंध को कितनी महत्ता देते हैं. एक के बाद एक महत्वपूर्ण बैठकों का हवाला देते हुए एक सूत्र ने बताया कि छह दिसंबर पूरी तरह से रूसी दिवस होगा.
भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया वाले क्वाड पर रूस की कड़ी आपत्ति के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि नयी दिल्ली किसी भी गुट का नहीं है और वह हिंद-प्रशांत में पैदा हो रही स्थिति के आधार पर मुद्दे पर आधारित सहयोग दे रहा है.
शिखर वार्ता के मद्देनजर भारत ने अमेठी के कोरवा में पांच लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफल्स के विनिर्माण के लिए करीब 5,000 करोड़ रुपये के लंबित एके 203 कलाश्निकोव राइफल्स समझौते को मंजूरी दे दी है. इस समझौते पर शिखर वार्ता या ‘टू प्लस टू’ वार्ता में हस्ताक्षर हो सकते हैं.