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जमीन दलाल ना बने नपा अध्यक्ष…जनता की मांग अब स्वच्छ छवि का हो नगर पालिका अध्यक्ष जमीन के कारोबार में लिप्त लोगों पर भरोषा ना जतायें पार्टी

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सुनील नार्गव की रिपोर्ट

मुंगेली/ नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष संतुलाल सोनकर को 01 दिसम्बर को छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्रशासन ने अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया है। अध्यक्ष के बर्खास्त होते ही कांग्रेस व भाजपा के पार्षदों की दोवदारी जोर सोर से प्रारंभ हो गया है। नगर पालिका की अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग मुक्त के लिए आरक्षित है। नगर पालिका में 22 वार्ड से 11 वार्ड में पिछड़ा वर्ग से महिला पुरूष पार्षद निवार्चित हो कर नगर पालिका पहुंचे है। भाजपा से 11 कांग्रेस से 09 व 01 निर्दलीय, 01 जे.सी.सी से पार्षद चुनाव जीते थे। जिसमें अध्यक्ष पद के लिए भाजपा को 12 वोट व कांग्रेस को 10 वोट मिले थे। भाजपा से संतुलाल सोनकर अध्यक्ष निर्वाचित हुए। तथा कांग्रेस अध्यक्ष के प्रत्याशी हेमेन्द्र गोस्वामी को हार का सामना करना पड़ा था। एवं नगर पालिका के अध्यक्ष संतुलाल सोनकर नाली घोटाले में जेल में होने से राज्य शासन ने पद से हटा दिया है। वहीं फिर से अध्यक्ष पद पर चुनाव होना है। कलेक्टर ने अध्यक्ष पद खाली होने की जानकारी निर्वाचन आयोग को भेज कर नगर पालिका अध्यक्ष पद पर निर्वाचन कराने की जानकारी भेजा जाएगा।
नगर पालिका अध्यक्ष के जेल जाने तथा बर्खास्ती होने पर पुनः अध्यक्ष पद पर निर्वाचन कराया जाएगा। बर्खास्त अध्यक्ष संतुलाल सोनकर शिक्षक होने के साथ – साथ शहर में भू माफिया के रूप में पहचाने जाते थे। भू माफिया को भाजपा ने पैसो के दम पर अध्यक्ष बनाया था। जिसके परिणाम स्वरूप नगर को विकास करने के बजाय बिना नाली निर्माण कराये ठेकेदार से साठा गांठ कर 13 लाख रूपयें की गबन किया था। जिसकी शिकायत के बाद जांच उपरांत कार्यवाही किया गया है।
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नगर पालिका मुंगेली का चुनाव 2019-20 में हुआ था, जिसमें पैसों की दम पर भाजपा ने भू-माफिया संतुलाल सोनकर व काग्रेस ने भू-माफिया हेमेन्द्र गोस्वामी को मैदान में उतारा था जिसमें भाजपा ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया। वहीं कांग्रेस के भू-माफिया हेमेन्द्र गोस्वामी को हार का सामना करना पड़ा था। भू-माफिया के अध्यक्ष बनने से नगर की विकास कार्य तो कुछ भी नही हुआ परंतु भ्रष्टाचार चमर सीमा पर पहुंच गया है। नाली निर्माण में भ्रष्टाचार कर जेल पहुंच गया है। और पद से भी हाथ धोना पड़ा। कोंग्रेस व भाजपा दोनो ही पार्टी अब भू माफियाओं पर दाव नही लगएगी। नए चेहरे को ही अध्यक्ष के दावेदार बनाने से पार्टी की शाख और प्रतिष्ठा बच जाएगी।
अध्यक्ष के बर्खास्त होते ही अध्यक्ष पद की दावेदारों की संख्या बढ़ गयी है। भाजपा भाजपा से उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह व पार्षद गायत्री आनंद देवांगन तथा कांग्रेस से वरिष्ठ पार्षद अरविंद वैष्णव, पार्षद हेमेन्द्र गोस्वामी तथा युवा पार्षद मनुराज सोनी प्रमुख दावेदार माना जा रहा है।
भाजपा से नगर पालिका उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह तीन बार से पार्षद रह चुके है। इस लिए पार्टी अध्यक्ष के लिए दाव लगा सकती है। तथा भाजपा से श्रीमती गायत्री आनंद देवांगन पहली बार पार्षद बनी है। स्वच्छ छवि होने के कारण प्रबल दावेदार के रूप में देखी जा रही है।
कंग्रेस से अध्यक्ष पद के लिए चार बार के निर्वाचित पाषर्द अरविंद वैष्णव प्रमुख दावेदार है। जो नगर पालिका उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस अम्मीदवार बनाया था लेकिन चुनाव हार गए थे। श्री वैष्णव फिर स अध्यक्ष बनने की मांग पार्टी से कर रही है।
हमेन्द्र गोस्वामी भी कांग्रेस से पु़नः अध्यक्ष पद की प्रत्याशी बनाने की मांग कर रहें है। परंतु नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस ने मैदान में उतारा था पर अध्यक्ष पद की चुनाव हार गए थे। अब अध्यक्ष की बर्खास्त होते ही अध्यक्ष बनने की पुरे जोरो से कोशिश में लगे हुए है।
कांग्रेस के युवा पार्षद मनुराज सोनी अध्यक्ष बनाने की मांग कांग्रेस पार्टी से कर रही है। मनुराज सोनी कांग्रेस के वरिष्ट नेता व तीन बार से नगर पालिका अध्यक्ष रहें अनिल सोनी व माता श्रीमती सावित्री अनिल सोनी भी एक बार नगर पालिका में अध्यक्ष रह चुकी है। राजनीति परिवार व शहर के प्रतिष्ठित परिवार होने से नगर पालिका अध्यक्ष के पद के प्रमुख दावेदार सामने आ रहा है। सभी पार्षद भी उनके सम्पर्क में बने हुए है। बेदाग छवि व होनहार होने से प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

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