- तीन गांव के किसानों के लाभ के लिए बनाया गया था टूरिझर स्टाप डेम
रवि सेन/बागबाहरा : किसानों के हित को ध्यान में रखकर राज्य सरकार द्वारा चार वर्ष पूर्व लगभग 47 लाख रुपए खर्च कर बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम टुरीझर में स्टाप डेम का निर्माण कराया गया जिससे सैकड़ों किसानों को हो रही पानी की समस्या दूर हो सके लेकिन यह स्टॉप डेम भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गई है और स्टाप डैम के निर्माण के चार वर्ष बाद भी यहां वर्षा के पानी को रोकने के लिए गेट नही लग पाया जिससे किसानों के सपने अधूरे के अधूरे ही रह गए गौरतलब हो कि महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक में पिछले 4 वर्षों से कम वर्षा एवं सूखे का दंश झेल रहा है जिससे किसान कर्ज की चपेट में आ रहे हैं ऐसा भी नहीं है कि सरकार इन किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कुछ भी नहीं कर रही बल्कि सरकार द्वारा बेहतर पहल भी किया जा रहा है लेकिन अधिकारियों के कारनामों के चलते योजनाएं केवल फाइलों में ही बनकर दफन हो गए हैं । बतादे की महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत टूरीझर की जहां 3 गांव की सीमा पर लग कर 47 लाख 36 हजार रुपए की लागत से स्टॉप डैम का निर्माण वर्ष 2016 में कराया गया ताकि इस स्टॉप डैम से तीन गांवों के सैकड़ों किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके जिससे किसानों की पानी की समस्या दूर हो सके और बेहतर फसल पैदावार करने में मदद मिल सके और किसान आत्मनिर्भर हो लेकिन किसानों के सपनो में पानी तब फिर गया जब 8 फरवरी 2019 को इस स्टाप डेम में बिना गेट लगाए ही सीसी जारी कर दिया गया जिसके बाद जल संसाधन विभाग के कोई भी जिम्मेदार अधिकारी – कर्मचारियों ने यहां मुड़कर भी नहीं देखा ।
बागबाहरा ब्लॉक में 5 वर्षो में हुए वर्षा के आंकड़े :- बागबाहरा ब्लॉक में इस स्टॉप डैम के निर्माण वर्ष से अब तक सामान्य वर्षा हुई जो की वर्ष 2016 में 835 मिली मीटर, 2017 में 1019.4 मिली मीटर, 2018 में 1133.4 मिली मीटर, 2019 मे 965.6 मिली मीटर, 2020 में 1425.3 मिली मीटर, 2021 में 1006.5 मिली मीटर बारिश हुई है जिससे साफ है कि 50 से 100 एकड़ भूमि को प्रति वर्ष सिंचित किया जा सकता था लेकिन इन लापरवाह अधिकारियों के कारण यहां के किसानों को इसका लाभ तक नही मिल पाया और शासकीय पैसों का जमकर बंदरबांट हुआ है ।
गेट नही लगाने के बाद अधिकारी ऐसे छुपा रहे गलती :-
गौरतलब हो कि अब स्टाप डेम के गेट न लगाने की गलती छुपाने के लिए इस स्टाप डेम की मॉनिटरिंग कर रहे पूर्व एसडीओ एवं वर्तमान ईई साहब का कहना है की अभियंता की कमी के कारण स्टीमेट नही बनाया गया था अब स्टीमेट बनवा कर गेट लगवाया जायेगा लेकिन आपको बताते चले कि यहां इन चार वर्षो में कभी भी अभियंता की कमी नहीं है जिस इंजीनियर की कंधो पर इस चेक डैम की देख रेख की जिम्मेदारी थी वो आज भी बागबाहरा जल संसाधन कार्यालय में कार्यरत हैं । प्रशासन द्वारा किसानों की फसल बर्बाद करने और अपनी जेब भरने के लिए ही इस स्टॉप डेम का निर्माण कराया गया है । अब देखना होगा कि क्या वाकई में इस स्टॉप डेम में कभी गेट लग कर किसानों को इस स्टाप डैम का फायदा होगा या फिर से स्टीमेट बनाने एवं गेट लगाने के नाम पर सिर्फ कलेंडर की तारीखे ही बदलती रहेगी।
स्टाप डेम कार्यरत मजदूरों को नही मिला मजदूरी :-
गौरतलब हो कि इस स्टाफ डेम में कार्यरत मजदूरों के मजदूरी का भुकतान नही किया गया जिसके चलते वर्ष 2018 में चल रहे ग्राम सुराज योजना के दौरान ग्राम टूरिझर पहुचे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंग से भी ग्रामीणों ने इस चेक डेम में हुई अनियमितता की शिकायत की गई थी लेकिन आज तक इन मजदूरों की मजदूरी तो दूर भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही की एक लाइन तक नही चल पाई ।
रवि फरोदिया (अध्यक्ष भाजपा ग्रामीण मंडल) :– मैं ग्राम टूरिझर का निवासी एवम किसान हु शासन ने तीन गांव के टूरिझर , अनवरपुर एवं लमकेनी किसानो के हित को देखते हुए स्टाप डेम का निर्माण कराया है लेकिन भ्रस्ट अधिकारियों ने अपनी जेब भरने के लिए न स्टाप डेम में गेट लगवाया है और न ही कार्यरत मजदूरों की मजदूरी का भुकतान किया है ।
शहजान पाशा (विधायक प्रतिनिधि ) :- तीन गांव के किसानों को अल्प वृष्टि की समस्या से निदान के लिए टूरिझर स्टाप डेम का निर्माण कराया गया था लेकिन 4 वर्षो से गेट नही लगने के कारण किसानों को इस स्टाप डेम का लाभ नही मिल पा रहा है । मैं खल्लारी विधायक एवं सिचाई मंत्री को शिकायत कर उच्च स्तरीय जांच की मांग करूँगा ।