नई दिल्ली : संसद के शीतकाली सत्र का आज तीसरा दिन है और विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा और लोकसभा स्थगित हो गई है. वहीं, संसद परिसर में विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन जारी है. सदन में आज कोरोना महामारी और ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर तैयारी पर चर्चा होनी है. कांग्रेस ने भी कोरोना से होने वाली मौतों की वास्तविक संख्या पर बहस का अनुरोध किया है. कांग्रेस की मांग है कि इस महामारी से अपनों को खोने वाले गरीब परिवारों को 4-4 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाए. इस मुद्दे पर हंगामा होना तय माना जा रहा है. साथ ही, कांग्रेस ने जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर भी चर्चा की मांग की है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने खाद्यान्न, तेल, पेट्रोल-डीज़ल व रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि पर चर्चा के लिए सदन में स्थगन प्रस्ताव दिया है.
शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर बहस, हंगामा और उसके कारण सदन को स्थगित करने के साथ खत्म हुआ. विपक्ष ने राज्यसभा में मांग की थी कि सांसदों का निलंबन रद्द किया जाए, क्योंकि ये नियमों के खिलाफ है. इस पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडु ने निलंबन रद्द करने के अनुरोध को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि निलंबन नियमों के अनुसार ही किया गया. हालांकि, सभापति ने निलंबित सांसदों से माफी मांगने पर फैसले को रद्द करने की बात कही लेकिन विपक्ष ने माफी मांगने से साफ तौर पर मना कर दिया और पूरे दिन की कार्यवाही का बहिष्कार किया.
आज विपक्षी निलंबित सांसद पूरे दिन विरोध प्रदर्शन करेंगे. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘राज्यसभा से निलंबित 12 विपक्षी सांसद एक दिसंबर की सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक संसद परिसर में मौजूद महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना देंगे.’ विपक्ष का प्रदर्शन जारी है. जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.