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दंतेवाड़ा के छात्र-छात्राओं का सेंचूरियन विश्वविद्यालय में अधिष्ठापन कार्यक्रम सम्पन्न

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  • आदिवासी छात्र-छात्राओं ने दिया एनएमडीसी के सीएमडी को हृदय से धन्यवाद

संदीप दीक्षित/बचेली। एनएमडीसी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से बस्तर क्षेत्र के आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए सेंचूरियन विश्वविद्यालय, जटनी, भुवनेश्वर (ओड़िसा) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हालही में हस्ताक्षर किये थे। जिसके तहत स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े हुए विभिन्न प्रकार के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण सेंचूरियन विश्वविद्यालय के द्वारा दिया जाना है जिसमें दंतेवाड़ा के सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े 60 आदिवासी छात्र-छात्राओं ने संस्थान में प्रवेश दिया गया है। इन छात्र-छात्राओं को 30-30 के बैच में बस द्वारा माह अक्टूबर एवं नवम्बर में सेंचूरियन विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर भेजा गया था।

सेंचूरियन विश्वविद्यालय में 27 नवंम्बर 2021 को स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुडे़ कौशल विकास कोर्स में दंतेवाड़ा क्षेत्र के नव – प्रवेशित छात्र-छात्राओं के लिए अधिष्ठापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप मंे उप महाप्रबंधक (सीएसआर एवं सीसी), सेंचूरियन विश्वविद्यालय के लेखानियंत्रक श्री देबाशीष पांडा, सेंचूरियन विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य विभाग के डीन श्री सुनिल कुमार झा, अन्य शिक्षक गण व दन्तेवाड़ा के सभी छात्र-छात्राऐं उपस्थित हुए थे।

कार्यक्रम का शुभांरभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। उसके उपरान्त श्री संजीव मिश्रा ने परिचायत्मक उद्बोधन से कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। नव – प्रवेशित छात्र-छात्राओं ने अतिथियों के स्वागत हेतु एक स्वागत गीत की प्रस्तुति दी तथा एनएमडीसी की प्रसंशा करते हुए एक गीत गाया। जिसके बाद 10 छात्र-छात्राओं ने अपने सेंचूरियन विश्वविद्यालय में प्रवेश के उपरान्त मिले हुए अनुभव को सब के साथ साझा किया। इन सभी छात्र-छात्राओं ने एनएमडीसी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस कोर्स के माध्यम से उनको जीवन की नई दिशा मिली है तथा इससे उनके व्यक्तित्व विकास में काफी सहायता मिल रही है। आर्थिक रूप से अक्षम होने के कारण एैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ना उनके लिए संभव नहीं थी लेकिन एनएमडीसी सीएसआर की पहल से सेंचूरियन में प्रवेश के उपरान्त उनका यह सपना पूरा हुआ। वे प्रवेश के पहले इस अवधारणा में थे कि वे किसी सामान्य विश्वविद्यालय में पढ़ने जा रहे हंै लेकिन सेंचूरियन पहुंचने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि सेंचूरियन एक बहुत ही प्रतिष्ठित एवं विशाल विश्वविद्यालय है। जहाँ पर मुफ्त में पढ़ने के साथ-साथ खाने और रहने की बहुत ही अच्छी व्यवस्थाएँ उपलब्ध हैं।

छात्र-छात्राओं ने यह भी उल्लेख किया कि वे कोर्स करने के साथ-साथ अन्य कौशल जैसे कपडे़ सिलाई करना, कागज को रिसायकल कर विभिन्न वस्तुएँ बनाना, मिट्टी से समान बनाना इत्यादि सीख रहे हैं।

छात्र-छात्राओं ने कौशल विकास की योजना को संचालित करने के लिए एनएमडीसी के सीएमडी श्री सुमित देब एवं बचेली के परियोजना प्रमुख श्री पी.के. मजुमदार को हृदय से धन्यवाद दिया तथा दंतेवाड़ा जिले के अन्य युवाओं हेतु भी ऐसे ही कुछ और कोर्स संचालित करने के लिये निवेदन किया।

तत्पश्चात सेंचूरियन विश्वविद्यालय के डीन सुनिल कुमार झा ने उद्बोधन दे कर बच्चों का मनोबल बढ़ाया और सेंचूरियन विश्वविद्यालय या फार्मेसी में उपल्बध पाठ्यक्रमों, उनकी उपलब्धियों और वर्तमान समय के हालात के बारे में बात की। सेंचूरियन विश्वविद्यालय के लेखानियंत्रक श्री देबाशीष पांडा ने अद्वितीय कौशल विकास कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं और स्वास्थ्य क्षेत्र में उपलब्ध कई विकल्पों पर ज़ोर दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप महाप्रबंधक (सीएसआर एवं सीसी), बचेली ने उद्बोधन देते हुए छात्र-छात्राओं को मोटीवेट किया, उन्हें कोर्स की उपयोगिता तथा कोर्स को बीच में न छोड़ने की सलाह दी साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना भी की।
उपमहाप्रबंधक (सीएसआर एवं सीसी) ने एनएमडीसी के सीएमडी श्री सुमित देब को इस तरह के कार्यक्रम संचालन हेतु अनुमोदन तथा मार्गदर्शन हेतु विशेष रूप से धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम के समापन के पूर्व संजीव मिश्रा ने सभी को आभार प्रकट किया तथा मुख्य अतिथि द्वारा वृक्षारोपण विश्वविद्यालय के प्रंगण में किया। साथ ही साथ सभी छात्र-छात्राओं व अतिथिगणों की समूह फोटो के उपरान्त कार्यक्रम का समापन किया गया।

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