प्रेमलाल पाल/धरसींवा : छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के अनदेखा के चलते आखिरकार गरीबों का सपना चकनाचूर हो गया। राज्य के सरकार को गरीबों के लिए पक्का मकान रास नहीं आया, गरीबों के उत्थान के प्रति इनकी रूचि ही नहीं रही, वही पुराने दर्रा “गरीबी हवओं तर्ज पर पुरी सरकार चल रही है। गरीबों के मकान बनवाने में कोई रूचि नही लेने के कारण इस वर्ष के लक्ष्य के लगभग 8 लाख मकानों को केन्द्र सरकार ने निल कर दिया, कारण 2019 से अब तक राज्य सरकार कभी भी गरीबों के मकान की सुध तक नहीं लिया, और ना ही अपने हिस्से का पैसा जमा किया पक्के मकान के सपने देखते-देखते गरीब आखिर ठगे ही गए।
श्रीमति सोना वर्मा सदस्य जिला पंचायत सयपुर एवं अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा रायपुर ग्रामीण ने सरकार के रवैये और उनकी कथनी और करनी पर टीप्पणी करते हुए कहा कि केवल प्रदेश के जनता को कर्ज का बोझ लादने काम सरकार कर रही है, आए दिन धान, गोबर, के नाम से कर्जा लेकर किसानों को छलने में लगा है, आखिर ये कर्जा जनता ही चुकाएगी, मगर इसका उन्हें कोई अफसोस नही है। पुरे प्रदेश के विकास अवरुध्द है, धान, गोबर तक सीमित रह गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल आखिर बता ही दिया ये ना तो किसान पुत्र है, ना गरीब पुत्र है, केवल दाऊ पुत्र है। आज 8 लाख गरीब परिवार जिन्हें पक्के मकान / छत का इंतजार वर्षो से था, वे इनके उपेक्षा के चलते धराशायी हो गया, इतनी ही यदि सरकार को गरीबों की चिंता है, तो प्रधानमंत्री आवास जो निरस्त किया है, उसे तत्काल स्वीकृत कराकर भले ही उन्हें और कर्जा लेने की जरूरत पड़े स्वीकृत कराये परंतु इनको तो केवल अपनी खुर्सी की चिंता है जो कभी डामाडोल लगने लगती है तो उसको मजबूत करने दिल्ली चल देते है, परंतु छत्तीसगढ़िया भाई-बहन के लिए दिल्ली नहीं जाते, जब कर्जा लेकर ही शासन करना है तो उन्होंने गरीबों के लिए कर्जा क्यों नहीं लिया। सरकार गरीबों के प्रति अपनी मंशा स्पष्ट करें, अन्यथा गरीबों की बददुआ के लिए तैयार रहे।