तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़/मुरमुंदा। सोमवार सुबह हुई बारिष ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। रात से षुरू हुई बारिष रूक-रूक कर सुबह तक होती रही। बेमौसम बारिष का सीधा असर धान की फसल पर पड़ेगा। क्योंकि अभी भी कटाई का काम तेजी पर है। अंचल में 60 प्रतिषत कटाई हो चुकी है। जबकि अधिकतर खेतों में कटाई के बाद फसल खेतों में ही पड़ी है। ऐसे में बेमौसम बारिष से खेतों में पड़ी फसल को ज्यादा नुकसान है। गीली जमीन में बीज भीगनें से नमी के साथ अंकुरित होनें की आषंका बनी हुई है। सोमवार सुबह बारिष के बाद दिनभर कटाई व मिंजाई का काम ठप्प रहा। किसान अब धूप के बाद सूखनें का इंतजार कर रहे है। पखवाड़े भर से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। कभी धूप तो कभी बदली के चलतें किसान चिंतित है। अभी धान खरीदी षुरू होनें में सप्ताह भर का समय है, इसलिए किसान कटाई व मिंजाई का कार्य धीमी गति से कर रहे है। लेकिन इस पर बेमौसम बारिष ने फिर से चिंता खड़ी कर दी है। दीपावली के पूर्व हरूना किस्म के धान की कटाई षुरू हो गई थी लेकिन अब मांई धान भी पक चुके है और कटाई जोरों पर है। अंचल के ग्राम मुरमुंदा, रामाटोला, गाजमर्रा, कल्याणपुर, एलबी नगर, मुड़पार, जामरी, राका, पिपरिया, कुर्रूभांठ, भोथली, अंडी, पनियाजोब, बरनारा सहित अन्य ग्रामों में कई घंटे झमाझम बारिष हुई। जमीन सूखनें तक खेती कार्य फिर से प्रभावित रहेगा। किसानों का कहना है कि पहलें नवंबर से धान खरीदी षुरू हो जाती थी उसके हिसाब से फसल ली गई थी। लेकिन महीनें भर देरी होनें से कटाई व मिंजाई कार्य में देरी की जा रही है। क्योंकि मिंजाई के बाद धान को सुरक्षित स्थान पर रखना चुनौती रहता है।
9 बजें तक छाया रहा कोहरा- सोमवार रात से ही हल्की बूंदाबांदी षुरू हो गई थी। सुबह 9 बजें तक सड़क में घना कोहरा छाया रहा। मौसम में बदली छाई रही और सुबह 7 बजें से बारिष षुरू हो गई। इस वजह से सुबह 9 बजें तक घना कोहरा छाया रहा।
बेमौसम बारिष ने बढ़ाई किसानों की चिंता, कटाई व मिंजाई पर असर
