- फसल को लेकर किसानों की माथे में दिख रही है चिन्ता की लकीरे
कमलेश रजक/मुंडा : दक्षिण में आंध्रप्रदेश के पास बंगाल की खाड़ी में बने अवदाब के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से मौसम की करवट से बारिश के आसार बन रहे थे। आसमान में बादल छाए होने से बारिश की आशंका से किसान सहमे हुवे थे कि शनिवार की सुबह से ही अंचल में रुक-रुक कर हो रही रिमझिम बारिश से जहां ठंड बढ़ गई हैं वही खड़ी फसल को नुकसान होने की डर से किसान चिंतित हो गए हैं। शनिवार की सुबह से जारी बारिश के कारण खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है। दरअसल खेतों में धान की फसल पक गई है। किसान इन दिनों धान की कटाई में जुटे हुए हैं। बहुत से किसान धान को काटकर सूखने के लिए खेत में ही छोड़े हुए हैं। धान को खेत खलियान में नहीं लाए हैं वहीं अधिकतर धान अभी भी खेतों में लगी हुई है। बारिश के कारण अधिकांश खेतों में धान की फसल जमीन पर लेट गई है । इससे धान की फसल को नुकसान हो सकता है। किसानों ने दीपावली के बाद धान की कटाई शुरू ही की है लेकिन इसी बीच बारिश ने उनकी परेशानी बढ़ा दी हैं। मुंडा के कृषक कृतराम वर्मा युवराज वर्मा हरिशंकर वर्मा संतोष वर्मा का मानना है कि पके हुए धान में बारिश का पानी गिरने से धान का दाना कमजोर होगा । चावल का दाना भी गुणवत्ता पूर्ण नहीं हो पाएगा। किसानों का मानना है कि इसी तरह बारिश जारी रहा तो धान की फसल को और काफी नुकसान हो सकता है।