नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बुधवार को कहा कि देश से टीबी (तपेदिक) को खत्म करने के लिए हमें नए समाधान और तरीकों को बदलने की जरूरत है. पवार ने साल 2025 तक भारत में टीबी को खत्म किए जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से तय किए गए लक्ष्य को दोहराया. उन्होंने कहा कि हमारे पास सिर्फ 37 महीनों का वक्त हैं और कोविड-19 महामारी के कारण इस लड़ाई में आई दिक्कतों को दूर करने के लिए इनोवेटिव समाधान की जरूरत है.
“2025 तक टीबी खत्म करने की रणनीति” पर चर्चा के दौरान स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद हमने टीबी रोगियों के मुफ्त इलाज को तेज किया. उन्होंने कहा, “टीबी मरीजों को वित्तीय और पोषण से जुड़ी सहायता बिना रुकावट के जारी रही. राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम द्वारा किए गए प्रयासों से समय पर बीमारी को पहचानने और इसके इलाज में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं.”
डॉ पवार ने कहा कि चूंकि सही समय पर रोग की पहचान और जल्द इलाज ही टीबी उन्मूलन की कुंजी है. इसलिए राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम देश में यूनिवर्सल टीबी केयर कवरेज और रोकथाम सेवाओं में तेजी लाने की दिशा में काम कर रहा है.
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2018 में ‘टीबी उन्मूलन शिखर सम्मेलन’ में कहा था, “दुनिया भर में टीबी को खत्म करने के लिए वर्ष 2030 तक का समय तय किया गया है, लेकिन आज मैं इस मंच से घोषणा कर रहा हूं कि भारत विश्व के लक्ष्य से 5 वर्ष पहले 2025 तक तपेदिक को खत्म करने का लक्ष्य हासिल कर लेगा.” प्रधानमंत्री ने कहा था कि टीबी मुख्य रूप से सबसे गरीब तबका प्रभावित होता है और इस बीमारी को समाप्त करने की दिशा में उठाया गया प्रत्येक कदम गरीबों का जीवन सुधारने की दिशा में एक कदम है.