नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत को अर्थव्यवस्था को समर्थन के लिए दिए गए प्रोत्साहन को वापस लेने की कोई जल्दी नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि देश ग्रोथ के रास्ते पर बरकरार रहे. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सीतारमण ने न्यू यॉर्क संडे को एक इंटरव्यू में बताया कि हालांकि, बढ़ती तेल की कीमतें एक बड़ी चुनौती के तौर पर उभरकर सामने आ रही हैं और अनिश्चित्ता से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की योजना पर कुछ असर हो सकता है.
तेल की कीमतों को लेकर अनिश्चित्ता: सीतारमण
सीतारमण ने कहा कि जिस चुनौती का वे सामना कर रही हैं, और जिस पर मंत्रालय में भी टीम नजर बनाई हुई है, वह इस बात पर हैं कि तेल की कीमतें बड़ी ऊंचाई पर जा रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह अनिश्चित्ता उनके लिए बड़ी चीज है, जिस पर अभी भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता. और वे इस बात को नहीं जानती हैं कि दूसरी महत्वपूर्ण चीजों में से कितना डायवर्ट करने की जरूरत है. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने सार्वजनिक खर्च की एक निश्चित राशि को इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए पहले ही आवंटित किया जा चुका है, जिससे अर्थव्यवस्था को सपोर्ट दिया जा सके.
RBI को मौजूदा वित्त वर्ष में ग्रोथ 9.5% रहने की उम्मीद
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड को उम्मीद है कि भारत इस वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी की दर से विकास करेगा. लेकिन तेल की बढ़ती कीमतें और कोयले की किल्लत इसमें बड़ी रूकावट साबित हो सकती हैं. भारत अपने तेल की जरूरतों के एक बड़े हिस्सो का आयात करता है.
आपको बता दें कि इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को उद्योग मंडल फिक्की और अमेरिका-भारत रणनीतिक मंच द्वारा आयोजित गोलमेज में वैश्विक उद्योग जगत के दिग्गजों को संबोधित किया था. उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है, जिससे भारत में सभी निवेशकों तथा उद्योग के हितधारकों के लिए काफी अवसर हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के पुन: नियोजन तथा भारत के स्पष्ट रुख अपनाने वाले नेतृत्व की वजह से सभी निवेशकों तथा उद्योग के हितधारकों के लिए हमारे देश में काफी अवसर हैं.