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1971 के युद्ध में जीत की स्वर्ण जयंती मनाई जा रही, गांधी चौक में 19 अक्टूबर को आयोजन

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  • स्वर्णिम विजय वर्ष स्मरणोत्सव में कलेक्टर एवं एसपी होंगे शामिल

नरेश राखेचा/धमतरी : वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान भारत का पाकिस्तान पर शानदार विजयी होने के 50 वर्ष पूर्ण किए जाने के अवसर पर 2021 में “स्वर्णिम विजय वर्ष” के तौर पर मनाया जा रहा है। इसी क्रम में नगर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा का आयोजन मंगलवार 19 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे किया जाएगा, जिसमें कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा तथा एस.पी. श्री प्रफुल्ल ठाकुर शामिल होंगे। यह उन सैनिकों के साहस और बलिदान के लिए एक श्रद्धांजलि है, जिन्होंने युद्ध में भाग लिया। कर्नल रजत मोहन भट्ट ने बताया कि 03 दिसम्बर 1971 में भारत-पाक युद्ध प्रारम्भ हुआ, जब पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में भारतीय वायुसेना के ठिकानों पर अकारण हमले किए। इस दौरान भारतीय शस्त्र बलों के द्वारा इन हमलों का त्वरित जवाब देते हुए निर्णायक कार्रवाई की गई और पूर्वी पाकिस्तान पर कब्जा कर लिया गया साथ ही 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
कर्नल भट्ट ने बताया कि युद्ध में भाग लेने वाले देश के बहादुर सैनिकों को सम्मान देने और जनता, विशेष रूप से युवा पीढ़ी में गर्व की भावना जागृत करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने “स्वर्णिम विजय मशाल” जलाई। दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर विजय दिवस 2020 पर चार ज्वलंत विजयी मशालें जलाई गईं तथा ये मशालें युद्ध नायकों के गांवों सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में चारों दिशाओं में यात्रा पर है। उन्होंने बताया कि 1971 के भारत-पाक युद्ध में छत्तीसगढ़ के 40 से अधिक युद्ध नायकों ने हिस्सा लिया, जिसके तहत छत्तीसगढ़ में 12 से 19 अक्टूबर के बीच स्वर्णिम विजय मशाल की यात्रा जारी है। इस दौरान विभिन्न स्मारक कार्यक्रम आयोजित कर पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया जा रहा है। साथ ही बैण्ड प्रदर्शन, युद्ध इतिहास प्रदर्शनी, उपकरण प्रदर्शन एवं साहसिक गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा है। कर्नल ने बताया कि छत्तीसगढ़ के युद्धवीरों को सम्मान देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के सहयोग से यह आयोजित किया जा रहा है। कलेक्टर ने नगरवासियों से उक्त विजय मशाल यात्रा में शामिल होकर 1971 के सच्चे सिपाहियों व रणबांकुरों के अदम्य साहस का सम्मान करने के लिए गांधी चौक में 19 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे शामिल होने की अपील की है, ताकि आने वाली पीढ़ी को भारत के इस गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया जा सके।

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