देश दुनिया वॉच

छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े उत्पादक जिले में टमाटर का संकट, दाम उछलकर पहुंचा पांच गुना, थाली से होने लगा गायब

Share this

सामान्य सीजन में 5 से 10 रुपए बिकने वाला टमाटर अब 40 से 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। प्रदेश में करीब 4 लाख हेक्टेयर में उद्यानिकी फसले ली जाती है।

दुर्ग : छत्तीसगढ़ में टमाटर की सर्वाधिक पैदावार का रिकार्ड जिले के नाम है। इसके बाद भी इस बार बाजारों में टमाटर का संकट है। टमाटर उत्पादक किसानों के मुताबिक खरीफ में सूखे के कारण बोनी समय पर नहीं हुई। इसके बाद ज्यादा बारिश से टमाटर की फसल चौपट हो गई। लिहाजा पड़ोसी राज्यों को टमाटर सप्लाई करने वाला जिला अब खुद दूसरों पर निर्भर हो गया है। इससे सामान्य सीजन में 5 से 10 रुपए बिकने वाला टमाटर अब 40 से 50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। प्रदेश में करीब 4 लाख हेक्टेयर में उद्यानिकी फसले ली जाती है। इनमें से करीब एक लाख 23 हजार 491 हेक्टेयर में टमाटर की फसल होती है। जिले के किसानों ने पिछले सीजन में करीब 10 हजार हेक्टेयर में टमाटर की फसल लगाई थी। इससे करीब 1 लाख 90 हजार मिटरिक टन टमाटर का उत्पादन हुआ था। यह पूरे प्रदेश में सर्वाधिक रहा।

दो माह रही सूखे की स्थिति
इस बार खरीफ में करीब दो माह सूखे की स्थिति रही। इसके कारण किसान समय पर टमाटर की बोनी नहीं कर पाए। जिन्होंने किसी तरह बोनी कर लिया तो बाद में ज्यादा बारिश के कारण उनकी फसल खराब हो गई। सामान्य समय पर बोनी होने से अगस्त-सितंबर में फसल आना शुरू हो जाना चाहिए, लेकिन विलंब से बोनी के कारण अब तक स्थानीय बाडिय़ों से आवक शुरू नहीं हुई है।

कई राज्यों में दुर्ग के टमाटर की सप्लाई
सामान्य पैदावार की स्थिति में जिले से कई राज्यों में टमाटर की सप्लाई होती है। इन राज्यों में जिले की हाईब्रिड टमाटर की मांग रहती है। ओडिशा, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश के कई शहरों में यहां का टमाटर जाता है। अब फसल तैयार नहीं होने से स्थानीय जरूरत पूरी नहीं हो रही।

महाराष्ट्र पर आश्रित, लेकिन आवक कम
टमाटर की स्थानीय जरूरत इन दिनों महाराष्ट्र से पूरी हो रही है। महाराष्ट्र के नारायण गांव और नासिक के ग्रामीण क्षेत्रों से हाइब्रिड टमाटर आ रहा है। इसके अलावा चोमू जयपुर व अंबिकापुर से भी टमाटर मंगाया जा रहा है। कुछ मात्रा में पंजाब से भी टमाटर लाया जा रहा है। इसके बाद भी जरूरत पूरी नहीं हो रही है।

जरूरत 15 की पहुंच रहा केवल 4 ट्रक
दुर्ग थोक मंडी के व्यापारियों के अनुसार सामान्य सीजन में दुर्ग व भिलाई मंडी में 12 से 15 ट्रक टमाटर की आवक होती है। इसमें से 60 फीसदी स्थानीय बाडिय़ों से मंगाई जाती है। इन दिनों केवल 3 से 4 ट्रक टमाटर पहुंच रहा है। वह भी अधिकतर महाराष्ट्र से। इस कारण टमाटर महंगा बिक रहा है।

नई फसल के बाद सुधरेगी स्थिति
टमाटर की फसल में पैदावार के लिए दो से ढाई माह लगता है। सही समय पर बारिश होने से जिले में नई फसल की आवक अगस्त के अंत में शुरू हो जाती है। इस बार समय पर बारिश नहीं हुई, इसलिए बोनी में विलंब हुआ। ऐसे में स्थानीय बाडिय़ों से पर्याप्त आवक के लिए अभी भी महीनेभर लग सकता है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *