बिलासपुर। दशहरा पर आज एनपीएस अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षण एनपीएस रूपी रावण का दहन करेंगे। छत्तीसगढ़ के सभी एनपीएस कार्मिक अपने परिवार जनों के साथ अपने अपने गांव नगर शहर में इस कार्यक्रम को करेंगे। पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सयुक्त मोर्चा लगातार आंदोलन कर रहा है। जिसमें देश के 75 लाख व छत्तीसगढ़ के दो लाख 80 हजार एनपीएस कर्मचारी ,अधिकारी जिसमें शिक्षक ,बैंक कर्मी, सफाई कर्मी, पुलिस कर्मी, रेलवे कर्मी ,स्वास्थ्य कर्मी , डाक्टर ,नर्स ,लगातार पुरानी पेंशन बहाली की आवाज को सड़क से सदन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सयुक्त मोर्चा के निरंतर संघर्ष से राज्य सरकारों ने एवं केंद्र सरकार ने एनपीएस कार्मिकों के हक में कुछ सुधारात्मक शासनादेश जारी भी किए हैं जिनमे मृतक आश्रित को परिवारिक पुरानी पेंशन जैसे लाभ मुख्य रूप से दिया गया है। लेकिन राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सयुक्त मोर्चा का संकल्प पुरानी पेंशन को पुनः बहाल कराना है जिसके लिए लगातार हर पर्व त्यौहार पर या राष्ट्रीय पर्व के माध्यम से भी पुरानी पेंशन बहाली की आवाज को गंभीरता पूर्वक केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों तक पहुंचाने का प्रयास किया हैै।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत, राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश संयोजक संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे, लैलूंन भारद्वाज, रोहित तिवारी, तुलसी साहू, निर्मल साहू , डॉ रवि बंजारे , वाजिद खान, हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, डॉ कोमल वैष्णव, मनोज सनाढय इस बार 15 अक्टूबर को दशहरा पर्व पर एनपीएस रूपी रावण दहन करेंगे।
केंद्र सरकार ने 2004 में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर बाजार आधारित नई पेंशन योजना प्रारभ की तब बताया गया था कि कर्मचारियो को लाभ मिलेगा, लेकिन इसकी सच्चाई को समझते हुए कार्यपालिका के लिए इसे थोपा गया, जबकि विधायिका के लिए पुरानी पेंशन ही रखा गया, कार्यपालिक वर्ग 2004 के बाद बाजार की भेंट चढ़ गए जबकि विधायिका पुरानी पेंशन शुकुन से ले रहे है।
अब स्पष्ट समझ मे आने लगा है कि नई पेंशन बुढ़ापे का सहारा नही है, इसीलिए 2004 के बाद भी विधायिका ने अपने लिए पुरानी पेंशन जारी रखा है, और कार्यपालिका के हिस्से में नई पेंशन को थोप दिया है, एक देश मे प्रदेश में अलग अलग पेंशन योजना का विरोध जारी है।ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई हेतु शिक्षक, लिपिक, पंचायत सचिव, पटवारी, राजस्व अधिकारी, प्राध्यापक व महाविद्यालयीन अधिकारी, स्वस्थ्य कर्मचारी, सीएसईबी, सभी विभाग के कर्मचारी एकजुट हो चुके है।