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कोरर से तरान्दुल बन रहे रोड निर्माण में बड़ी लापरवाही एवं भ्रष्टाचार!

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कोरर से तरान्दुल रोड निर्माण कार्य में कई सागौन के बड़े-बड़े पेड़ काट दिए हैं और रातों-रात हो गए पार विभाग को मालूम ही नहीं…!!
■ पीडब्ल्यूडी व ठेकेदार की मिलीभगत से वन विभाग को लगा करोड़ों का चूना…!!
■ आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र में ऐसा भ्रष्टाचार ठेकेदार व पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा किया गया है..!!
■ कोरर से तरान्दुल रोड निर्माण कार्य में बहुमूल्य वृक्षों की बेरहमी से चड़ा दी गई बलि…!!
■ गड़बो नवा छत्तीसगढ़ की तर्ज में कैसे होगा विकास सरकार का दावा है गड़बो नवा छत्तीसगढ़ की तर्ज में होंगे विकास कार्य यहां तो विनाश कार्य हो रहा है..!!
■ बड़ी कार्यवाही नहीं होने पर जल्द ही उच्च अधिकारियों से की जाएगी इसकी शिकायत..!!

अक्कू रिजवी/कांकेर : कांकेर सरकार व राज्य की बहुमूल्य योजना प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व पीडब्ल्यूडी विभाग ने लगाया वन विभाग को करोड़ों का चूना गायब हो गए करोड़ों के सागौन के मोटे मोटे बल्लियाँ लाखों पेड़ों की चढ़ा दी गई बली । बड़े-बड़े तस्करों की कृपा दृष्टि के कारण कांकेर जिले में वैसे भी कीमती इमारती लकड़ियों के वृक्ष बहुत कम बचे हुए हैं लेकिन जो भी बचे हैं अब उनकी भी बलि चढ़ने का नंबर आ गया है उदाहरण के लिए कोरर से तरान्दुल के लिए जिस सड़क मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत चल रहा है उसमें साढे 13 किलोमीटर के इलाके में ही दर्जनों सागौन तथा शीशम जैसे बहुमूल्य वृक्ष काट कर गायब कर दिए गए हैं। यह क्षेत्र वन विभाग का है जिसमें प्रधानमंत्री योजना के तहत क्रियान्वयन एजेंसी लोक निर्माण विभाग भानूप्रतापपुर संभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है ठेकेदार मेसर्स शिरोमणि कंपनी दल्ली राजहरा के हैं। यह इलाका आज भी घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। अंग्रेजों के समय में तरान्दुल घाट में शिकार खेलने हेतु सुंदर रेस्ट हाउस का निर्माण किया गया था जो अभी कुछ वर्ष पूर्व ही वन विभाग की उपेक्षा के कारण खंडहर हो चुका है । यहां का घाट इलाका अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए आज भी अत्यंत प्रसिद्ध है, जिसे पर्यटन स्थल का रूप दिया जा सकता है लेकिन वन विभाग में पैसे का तो नहीं इच्छाशक्ति का अभाव अवश्य है। वन तथा लोक निर्माण दोनों विभागों की विशेष दिलचस्पी सड़क निर्माण से अधिक कीमती वृक्ष को खलास करने में अधिक प्रतीत होती है । हमारे प्रतिनिधि द्वारा कोरर से इस मार्ग पर साढे 13 किलोमीटर तक का स्थल निरीक्षण करने और ग्रामीणों से सत्य तथ्य जानने के बाद पता चला है कि यहां लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की लूट हो चुकी है । सड़क निर्माण के नाम पर प्राकृतिक सागौन के लिए प्रसिद्ध यह इलाका यहां तक तो सागौन विहीन हो चुका है और जैसे-जैसे सड़क निर्माण आगे होता जाएगा , आगे का इलाका भी सपाट होता जाएगा , वहां की भी कीमती वन संपदा काटकर गायब कर दी जाएगी । ठेकेदार तथा विभाग की चालाकी यहां तक देखी जा रही है कि इस सड़क के किनारे के जो वृक्ष उनके द्वारा गिराए नहीं जा सके , उन्हें जड़ से नीचे तक खोद दिया गया है ताकि बहुत जल्दी वे सूख कर गिर जाएं और लकड़ी गायब करने का सुनहरा मौका मिल सके । इस प्रकार जिला उत्तर बस्तर कांकेर का यह कीमती इमारती लकड़ी का क्षेत्र बहुत जल्दी एक वीरान सड़क मात्र रह जाएगा और सागौन जैसे वृक्षों के दर्शन दुर्लभ हो जाएंगे। नए छत्तीसगढ़ का निर्माण करने वाली वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार क्या इस ओर गंभीरता से ध्यान दे अब भी समय है यदि ईमानदारी से जांच की जाए तो करोड़ों के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ हो सकता है तथा बहुत सारे कीमती वृक्ष अब भी बचाए जा सकते हैं। अन्यथा वन विभाग, लोक निर्माण विभाग तथा ठेकेदार की यह मिली जुली साज़िश चलती रहेगी और कीमती जंगल बर्बाद होता रहेगा।

डीएफओ अरविंद पीएम को इसकी सूचना दी गई , तो इनका कहना है कि जल्द से जल्द इन सभी मामलों की जांच कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी ।
-अरविंद पीएम, डीएफओ

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