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कंपनी ने पैसे नहीं दिए, भूख से आदिवासी मजदूर की मौत, लाश 25 दिन से अस्पताल में, परिजनों ने कहा- शव लाने हमारे पास पैसे नहीं

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  • परिजनों ने कहा- उनके पास तमिलनाडु जाने के लिए पैसे नहीं, शव का वहीं पर अंतिम संस्कार कर दीजिए

जशपुर : बेबसी की ऐसी दास्ताँ जिसे सुनकर आप भी रो पड़ेंगे. कंपनी ने पैसा नहीं देकर धोखा किया. आदिवासी मजदूर कामेश्वर (25 वर्ष) बिना पैसे के रात में ही कंपनी से भाग गया. पैसे नहीं होने से घर जाने के लिए पैदल ही सफ़र तय करने लगा. इस दौरान युवक दो दिन तक भूखा रहा. कहा जा रहा है कि युवक की भूख से मौत हो गई. युवक की लाश तमिलनाडु के अस्पताल में 25 दिन से फ्रीज में रखा हुआ है. काफी दिन बीतने के बाद अस्पताल ने किसी तरह परिजनों से बात की. परिजनों ने कहा कि उनके पास तमिलनाडु जाने के लिए पैसे नहीं है. आप लोग शव का वहीं पर अंतिम संस्कार कर दीजिए. युवक बगीचा के सामहर बहार से प्लेसमेंट कंपनी के जरिये कमाने खाने तमिलनाडु गया था. युवक तमिलनाडु के सेलम के एक गैरेज में काम करता था. अस्पताल प्रबंधन द्वारा रविवार को मृतक के घरवालों को सूचना दी गई. इस पूरे मामले में दुखद पहलू यह है कि मृतक की मौत भूख से होना बताया जा रहा है. मृतक कामेश्वर (25 वर्ष) के छोटे भाई रामेश्वर ने बताया कि उसका भाई तमिलनाडु के किसी गैरेज में काम करता था. कम्पनी के मालिक ने उसका आधार कार्ड और मोबाइल को जब्त कर लिया था.

कम्पनी के इस रवैये से मृतक परेशान होकर घर आना चाहा तो कम्पनी ने उसे छुट्टी नहीं दिया उल्टा पैसे भी नही दिए. आखिर में मृतक बगीचा के बगडोल के रहने वाले एक साथी के साथ कंपनी से बाहर निकल गया और पैदल ही घर आने लगे. पैदल सफ़र के तीसरे दिन युवक की हालत गंभीर हो गया. उसे आनन फानन में तिरुपत्तूर शहर के एक अस्पताल लाया गया. जहां उसकी मौत हो गई. तब से आज तक उसकी लाश अस्पताल के फ्रीज में रखा है. मौत की खबर तो घर वालों को कल मिली लेकिन उसकी मौत कैसे हुई इसकी दास्तान मृतक के साथी जो बकडोल का रहने वाला है उसने आकर बताया. मृतक के घरवालों का कहना है कि अस्पताल वालों ने फोन करके उनसे यह पूछा है कि लाश को वे अपने घर ले जाएंगे या नहीं ? मृतक के भाई ने बताया कि उनकी आर्थिक हैसियत ऐसी नही है कि वे तमिकनाडू जाए इसलिये उन्होंने अस्पताल वालो को यह बोल दिया कि लाश का अंतिम संस्कार वहीं कर दें. वे वहाँ जाने में सक्षम नहीं है. मृतक का फोटो भी अस्पताल वालों ने भेजा है. आपको बता दें कि मृतक आदिवासी समुदाय से है और 2 माह पहले रायगढ़ के एक प्लेसमेंट के स्थानीय दलाल के माध्यम से तमिलनाडु गया था.

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