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‘अमन पथ’ पर चला कवर्धा: कर्फ्यू में ढील, इंटरनेट सेवाएं शुरू, छह दिन बाद बाजार खुले

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कवर्धा। लगभग सप्ताहभर से अशांत कवर्धा शहर अब शांत है। छह दिन से बंद शहर के बाजार शनिवार को 4 घंटे के लिए खुले तो रौनक लौट आई। 5 दिनों से बंद इंटरनेट सेवाएं भी शुरू हो गई हैं। इस बीच एक अच्छी खबर ये मिली कि जिले के पंडरिया शहर में मुस्लिम समुदाय के लोग शहर के सबसे पुराने दुर्गा पूजा पंडाल में पहुंचे और वहां भगवा तोरण और ध्वज बांधा। झंडे के ही विवाद में पूरा जिला अशांत हो उठा था। कवर्धा में रविवार को विवाद के बाद उसी दिन शाम 5 बजे से ही बाजार बंद थे। हालात को देखते हुए जिले में धारा-144 लगाई गई थी। लेकिन इसके बाद रैली, प्रदर्शन के बाद हिंसा भड़क उठी थी। इसके चलते जिले में कर्फ्यू लगाना पड़ा। कवर्धा और उसके पड़ोसी जिले राजनांदगांव, बेमेतरा की भी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। इसके बाद शुक्रवार को सब पटरी पर लौटना शुरू हो गया। दोपहर में बाजार खोलने के आदेश जारी हुए और देर रात इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई।

पंडरिया में मुस्लिम समुदाय की पहल

पंडरिया नगर में मुस्लिम समुदाय के लोग पुराने बस स्टैंड स्थित दुर्गा पूजा पंडाल श्री पुष्पांजलि दुर्गा उत्सव समिति पहुंचे। वहां सभी को नवरात्रि की बधाई दी। इसके बाद साथ लाए माता के ध्वज और भगवा तोरण को खुद बांधा। साथ में मुस्लिम समुदाय के छोटे-छोटे बच्चे भी पहुंचे थे। उनके हाथ में भगवा ध्वज था, जो उन्होंने पूरे उत्साह के साथ खुद भी इलाके में बांधने में सहयोग किया। इस दौरान सिख समुदाय के लोग भी मौजूद थे।

फिलहाल बाहरी लोगों के आने पर रोक

भले ही कवर्धा में हालात सामान्य हो रहे हों लेकिन अभी प्रशासन एहतियात बरतना चाहता है। कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि जरूरी चीजों के लिए 7 से 10 बजे तक घर पहुंच सेवा की छूट दी जा चुकी है। इसके साथ ही फूड की होम डिलीवरी शाम 5 बजे तक हो सकेगी। आम लोग भी सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक शहर के भीतर आवाजाही करते हुए अपना कामकाज कर सकेंगे। हालांकि इस दौरान शहर की सीमाएं पहले की तरह सील रहेंगी। बाहर के लोग शहर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। 93 लोग नामजद, एक हजार पर एफआईआर कवर्धा के SP मोहित गर्ग ने बताया कि शहर में अशांति फैलाने वाले करीब 1000 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इनमें से 93 आरोपी नामजद हैं। पूरे मामले में अलग-अलग 7 FIR दर्ज हुई है। पुलिस लगातार जांच कर रही है। विभिन्न माध्यमों से मिले वीडियो फुटेज और फोटो से आरोपियों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा अगर किसी के पास घटना से जुड़े कोई डिजिटल तथ्य हों, तो वे पुलिस को सौंप सकते हैं।

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