प्रांतीय वॉच

इस देवी पर आस्था ऐसी की अमेरिका ऑस्ट्रेलिया दक्षिण अफ़्रीका न्यूजीलैंड के प्रवासी नागरिक भी जलवाते है आस्था के ज्योत

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राकेश सोनकर/कुम्हारी ; शारदीय नवरात्र की प्रारंभ हो गई मंदिर देवालयों में भी लोग मज़हब जातपात से हट कर अपनी आस्था के प्रतीक देवी देवताओं के प्रति भक्ति के रंग में रंगने को बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहें है। लोगों में भक्ति कि ऐसी अटूट बंधन का परिणाम है कि माता की उपासना और भक्ति में रमे श्रद्धालुओं ने ऐसी आस्था दिखाई की सात समंदर पार के प्रवासी नागरिक विदेशों में रह रहे लोग सुख समृद्धि की कामना के लिए मनोकामना के ज्योत प्रज्वलित करवाते है। कुम्हारी स्थित धरती फोड़ विराजमान हुई सिद्धदायिनी मां महामाया देवी पर आस्था ऐसी की यहां प्रत्येक नवरात्रि देश ही नही विदेश में निवास करने वाले श्रद्धालुओं के द्वारा आस्था के ज्योति प्रज्वलित किये जाते है। इसमें अमेरिका ऑस्ट्रलिया दक्षिणअफ्रीका न्यूजीलैंड के श्रद्धालु सामिल है यही नही देश के दर्जनों राज्यों के लोग भी इस देवी के भक्ति में रम से जाते है। जिसमें मध्यप्रदेश उड़ीसा कर्नाटक तमिलनाडु उत्तरप्रदेश असम ये ऐसे राज्य है जहाँ के श्रद्धालुओं के द्वारा ज्योति प्रज्वलित कर नवरात्रि में देवी दर्शन के लिए बड़ी संख्या में आते है। लोगो का मानना है कि इस ग्राम देवी की कई तरह से मान्यता है आस्था के प्रतीक माने जाने वाले मां महामाया देवी धरती फोड़ विराजमान हुई है। मंदिर के पुजारी दुर्गा देवांगन का मानना है कि साल में दो सीजन चैत्र व क्वांर माह में यहाँ भक्तों के द्वारा मनोकामना के 2 हजार से भी अधिक ज्योत प्रज्वलित किये जाते है। मंदिर की सेवा देवांगन परिवार द्वारा विगत 50 वर्षों से निरंतर किया जा रहा है वहीं मंदिर परिसर में आदिशक्ति देवी महामाया के अलावा मां दुर्गा, शंकर, हनुमान, राम लक्ष्मण सीता, काल भैरव, भगवानों की प्रतिमाएं विराजमान है। वही शारदीय नवरात्र में स्थानीय समितियों द्वारा रावण दहन का कार्यक्रम के साथ पंचमी अष्टमी नवमीं में विशाल भंडारा का आयोजन किया जाता है। वही दसमीं में परिसर स्थित जलकी कुंड में ज्योत विसर्जित कर दिया जाता है।

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