गरियाबंद : गरियाबंद में बच्चों में फैली बीमारी को डॉक्टरों ने बैक्टेरियल डिजीज बताया है. उनका कहना है कि साफ-सफाई नहीं होने और गंदगी के चलते बच्चे बीमार पड़े हैं. CMHO ने कहा कि बच्चे आयरन सिरप पीने से बीमार नहीं हुए हैं. जांच में पता चला है कि 7 बच्चे ऐसे भी थे, जिन्होंने सिरप नहीं पी थी. वहीं कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने कहा है कि अगर तीन दिन में बच्चों की बीमारी कंट्रोल नहीं होती है तो स्किन एक्सपर्ट बुलाए जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां हेल्थ कैंप लगाया था. नवापारा पंचायत और उसके अंतर्गत आने वाले गांव में गुरुवार से बच्चों के बीमार पड़ने का सिलसिला शुरू हुआ था. पंचायत क्षेत्र में 30 बच्चों के शरीर और मुंह के अंदर दाने निकल आए. जलन होने के साथ ही बच्चों में बुखार के भी लक्षण भी दिखने लगे. अफसरों का कहना है कि ग्राम पंचायत और अधीनस्थ ग्राम का डोर-टू-डोर सर्वे किया गया. इसमें 9 बच्चों में समस्या मिली है, लेकिन इनमें से सिर्फ 3 बच्चों ने ही सिरप का सेवन किया था. यह समस्या ऐसे बच्चों को भी हुई है, जिन्होंने आयरन सिरप का सेवन नहीं किया है. शिविर में आए 5 बच्चों का ब्लड सैंपल भी लिया गया है. सर्वे के दौरान नया पारा में 5 से ज्यादा ऐसे बच्चे मिले जो दो दिनों में ठीक हो चुके थे. जबकि नयापारा, माहुलपारा और पानी गांव से आए 29 बच्चों का डॉक्टरों की टीम ने जांच कर दवाई दी है.
बैक्टीरिया से बच्चे बीमार: गरियाबंद में लगाया गया हेल्थ कैंप, सीएमएचओ बोले- सरकारी सिरप पीने से बीमार नहीं हुए बच्चे, बैक्टीरिया से फैली बीमारी
