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इस नवरात्र भंडारा, जसगीत, मेला रहेंग स्थगित, महासप्तमी पर पदयात्रा नही करने की गई अपील

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शुभम श्रीवास/रतनपुर : आगामी 07 अक्टूबर से आरंभ हो रहे शारदीय नवरात्र की तैयारियों को लेकर सिद्ध शक्तिपीठ रतनपुर महामाया मंदिर ट्रस्ट के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक मंगलवार को मंदिर परिसर में संपन्न हुई। इस बैठक में मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के साथ कलेक्टर डॉ.सारांश मित्तर, एसपी दीपक झा और स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए,जहां कहा गया कि वर्तमान में कोरोना पर पूर्ण नियंत्रण नहीं पाया गया है,इसलिए इस वर्ष भी कुछ एहतियात बरतने होंगे। पिछले वर्ष जहां मंदिरों में श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह वर्जित था उसमें राहत देते हुए इस बार श्रद्धालु नियमों का पालन करते हुए मां महामाया के दर्शन कर पाएंगे। हालांकि इस दौरान उनके लिए मास्क पहनना और सैनिटाइजेशन का उपयोग करना आवश्यक होगा। वही मंदिर में प्रवेश के दौरान सोशल डिस्टेंस के नियम का भी पालन करना होगा। बिलासपुर कलेक्टर ने अपील की है कि जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है वे ही मंदिर में दर्शन करने आए और जिनका वैक्सीनेशन अब तक नहीं हुआ है वे प्रयास करें कि नवरात्र तक उन्हें वैक्सीन लग जाए, क्योंकि ऐसा करना उनके अपने और अपने परिवार के हित में होगा।

रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर में नवरात्र के दौरान लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। विशेषकर महा सप्तमी कालरात्रि पर लाखों की तादाद में लोग पदयात्रा करते हुए मंदिर पहुंचते हैं। बिलासपुर कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि वे इस वर्ष कोरोनावायरस के प्रभाव के चलते महा सप्तमी पर यह पदयात्रा ना करें,क्योंकि इससे यहां अनावश्यक रूप से भीड़ बढ़ेगी और संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ेगा। इस बार ऑफलाइन दर्शन की सुविधा के साथ मंदिर प्रबंधन द्वारा पूर्व की तरह ऑनलाइन दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। संक्रमण को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने इस बार भोग प्रसाद नहीं बांटने का फैसला लिया है, तो वही मंदिर के भीतर श्रद्धालु प्रसाद लेकर प्रवेश कर पाएंगे या नहीं इस पर अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है। वर्तमान में मंदिर में प्रसाद लेकर प्रवेश करना, मंदिर की प्रतिमाओं को छूना प्रतिबंधित है। संभावित है कि यह प्रतिबंध यथावत रहे। वही मंदिर समिति द्वारा इस वर्ष 25000 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए जाने की योजना है बताया जा रहा है कि अब तक 21000 ज्योति कलश की रसीद कट चुकी है और आने वाले कुछ दिनों में लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। वही बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष की तरह यहां प्रशासनिक स्टाल भी लगाए जाएंगे, जिसमें स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा।

कोरोना के प्रभाव को देखते हुए इस वर्ष नवरात्र पर मंदिर परिसर में लगने वाले मेले को भी स्थगित कर दिया गया है। वही मंदिर द्वारा आयोजित भंडारा और जस गीत का कार्यक्रम भी नहीं होगा। मंदिर समिति द्वारा यह आश्वस्त किया गया है कि उनके द्वारा लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जाएगा तो वही जिला प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि उनके द्वारा मंदिर प्रवेश से पूर्व श्रद्धालुओं की आर टी–पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट या फिर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जांच कर ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाए, जिससे की सुरक्षा पुख्ता हो सके। इस पर जल्द ही फैसला लिए जाने की उम्मीद है। तो वहीं बैठक के दौरान नगरपालिका अध्यक्ष घनश्याम रात्रे ने बिलासपुर रतनपुर जर्जर सड़क का मुद्दा उठाया। बताया गया कि खंडोबा मंदिर से लेकर महामाया मंदिर तक सड़क बेहद खस्ताहाल है, जिसके बाद तत्काल कलेक्टर द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग को इस सड़क के मरम्मत की हिदायत दी गई, ताकि नवरात्र पर मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम दिक्कत हो। हालांकि इस बार भी व्यवस्था सामान्य नहीं हो पाएगी, लेकिन गत वर्ष की तुलना में काफी कुछ राहत श्रद्धालुओं को मिलने जा रही है, इसे लेकर मां महामाया के भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है तो वही तैयारियों को लेकर महामाया मंदिर ट्रस्ट भी कमर कस चुका है।

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