कमलेश लव्हात्रे/बिलासपुर : छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के द्वारा दो सूचना अधिकारियों पर 25-25 ₹ हजार का किया गया अर्थदंड सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का समय पर पालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रति घोर लापरवाही और अज्ञानता के लिए तत्कालीन दो सूचना अधिकारियों को 25-25 हजार का अर्थदंड आरोपित करते हुए अध्यारोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने का निर्देश दिए l यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग राज्य सूचना आयुक्त श्री धर्मेंद्र धनवेन्द्र जायसवाल ने की l
शिकायतकर्ता शरद देवांगन ने जन सूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत चिचगोहणा और ग्राम पंचायत पथरा विकासखंड मरवाही जिला जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही से 1 अप्रैल 2006 से 31 मार्च 2016 के मध्य स्वचक्ष संधारित समस्त चेक रजिस्टर लेजर केसबुक जो मूलभूत मत में किए गए व्यय के समस्त व्याउचर की सत्यापित प्रति 27 अप्रैल 2016 को मांग की थी सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा (7) के तहत आवेदन प्राप्ति के 30दिवस के भीतर जानकारी आवेदन आवेदक को देना होता है किंतु जन सूचना अधिकारी के समय सीमा के जानकारी आवेदक को नहीं उपलब्ध कराया जानकारी प्राप्त न होने के कारण आवेदक के प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदन किया की जानकारी उपलब्ध कराया l
परंतु प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्मिक अधिकारी मरवाही के जनपद पंचायत विनिश्चय (निर्णय )के बाद भी सूचना अधिकारी ने आवेदक को जानकारी नहीं उपलब्ध कराया जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण राज्य सूचना आयोग आयुक्त श्री धनवेन्द्र जायसवाल ने प्रकरण की बारीकी से परीक्षण किया आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण पर सूचना का अधिकार अधिनियम 200 5 की धारा 20(1) के तहत दोनों प्रकरणों पर तत्कालीन सूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत चिचगोहणा बीरबल प्रजापति और सचिव ग्राम पंचायत पथरा श्रीमती गीता मार्को विकास खंड मरवाही जिला पेंड्रा गौरेला मरवाही को ₹25000 अर्थदंड अधूरोपित करते हुए मुख्य कार्य अधिकारी जनपद पंचायत मरवाही को निर्देश दिए हैं कि अर्थदंड की राशि की राशि वसूली संबंधित अधिकारी के वेतन से काटकर शासकीय कोष में जमा करा कर आयोग को पालन प्रतिवेदन प्रेषित करें l