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वन्यजीवों की स्थल पहचान जीपीएस तकनीक के माध्यम, मास्टर ट्रेनर ने कर्मचारियों दी ट्रेनिंग

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प्रकाश नाग/केशकाल : केशकाल वनमंडल कार्यालय में आज अखिल भारतीय बाघ गणना हेतु एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें मास्टर ट्रेनर के रूप में फरसगांव उप वनमण्डलाधिकारी व बड़ेडोंगर वन परिक्षेत्र अधिकारी आशुतोष मांडवा द्वारा अधिकारी-कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने सभी वन्यकर्मियों को बताया कि पूर्व में शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्यजीवों की पहचान कर उनकी जानकारी कागजों में दर्ज की जाती थी, जिसके कारण कई बार स्थान का अंदाजा नही लग पता था तथा कुछ त्रुटियां भी हुआ करती थी। लेकिन इस बार एप्स के माध्यम से गणना होगी। जिसमें गणना करने वाले अधिकारी जानवर को देखते ही उसका नाम लिखेंगे साथ ही उसकी फोटो भी उस एप पर अपलोड करेंगे। साथ ही यह भी बताया गया जीपीएस तकनीक के माध्यम से चिन्हांकित स्थानों पर आसानी से पहुंचा भी जा सकता है।

इस सम्बंध में जानकारी देते हुए फरसगांव उप वनमण्डलाधिकारी महेंद्र यदु ने बताया कि आज के इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह था कि हमारे जंगलो में रहने वाले जितने वन्यजीव है उनकी गणना हम डिजिटल माध्यम से भी कर सकते हैं। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया गया है जिसकी सहायता से हमें कागजी काम न करते हुए कम समय मे अधिक वन्यजीवों की गणना करने में सरलता होगी। यह नवीन पद्धति वन्यकर्मियों के लिए काफी आसान व लाभप्रद सिद्ध होगी। इसकी एक खास बात यह भी है कि इस सॉफ्टवेयर में जीपीएस तकनीक भी समाहित है। हमारे वन्यकर्मी जहां जहां वन्यजीवों की गणना कर रहे हैं वहां जीपीएस तकनीक के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। फलस्वरूप बहुत ही सरल रूप में न्यूनतम समय मे अधिकाधिक डाटा संकलन करना सम्भव होगा। इस दौरान केशकाल वनमंडल क्षेत्र अंतर्गत सभी चार वन परिक्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

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