इंदौर। दुष्कर्म की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने वाली युवती के खिलाफ भादवि की धारा 182 और 211 के तहत प्रकरण दर्ज होगा। विशेष न्यायालय ने गुरुवार को इसके आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि कानून का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि इस तरह की प्रवृत्ति को रोका जा सके। युवती ने पहले तो दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज करा दिया लेकिन न्यायालय में वह पुलिस को दिए बयान से ही मुकर गई। उसने कहा कि पुलिस के दबाव में उसने दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
22 वर्षीय युवती ने 10 मार्च 2021 को महिला थाने पहुंचकर सौरभ सोनी नामक युवक के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने कहा था कि वह हरदा में रहती है और अपने रिश्तेदार के यहां इंदौर आई थी। सौरभ रिश्तेदार के पड़ोस में रहता था और वही उसे लेने बस स्टैंड आया था। वह उसे बाम्बे अस्पताल क्षेत्र की एक होटल में ले गया और दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम में केस दर्ज कर लिया।
पीड़िता के न्यायालय में बयान हुए तो वह पुलिस को दिए बयान से मुकर गई। उसने कहा कि पुलिस के दबाव में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विशेष लोक अभियोजक विशाल श्रीवास्तव ने इस पर आपत्ति लेते हुए न्यायालय को बताया कि युवती की मेडिकल जांच भी करवाई गई थी। युवती जानबूझकर झूठ बोल रही है। एडवोकेट श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष न्यायाधीश दीपक वर्मा ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए युवती के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि युवती ने न सिर्फ थाने पर झूठी रिपोर्ट लिखाई बल्कि न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के समक्ष झूठे बयान भी दिए। उसके साथ किसी तरह की रियायत बरती नहीं जा सकती।